भोपाल । हर सियासी दल की सबसे बड़ी कसौटी होती है चुनाव…जिसके लिए दल हमेशा तैयारी के मोड में रहते हैं। भाजपा संगठन में इन दिनों बढ़ी हलचल बताती है कि पार्टी ने 2023 विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी नेता इसे खुलकर स्वीकार भी करते हैं। बड़ी बात ये कि इस दौर में उन नेताओं की सक्रियता पर सबकी नजरें हैं जो बीते काफी दिनों से प्रदेश की एक्टिव पॉलिटिक्स में वापसी की जुगत बैठा रहे हैं। फिर चाहे वो संगठन के पुराने और माहिर खिलाड़ी कैलाश विजयवर्गीय हों या फिर भाजपा में हाल में शामिल हुए दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया। हालांकि ऊपरी तौर पर हर नेता पूरी ऊर्जा से इस सक्रियता को सामान्य, रूटीन बता रहे हैं लेकिन विपक्ष इसके कई सियासी मायने बता रहे हैं।
भोपाल में बीजेपी की चिंतन बैठक के बाद पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का ये बयान इशारा है कि..बीजेपी आगामी चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के बाद एक तरफ सरकार जहां रिकॉर्ड वैक्सीनेशन को लेकर काम कर रही है वहीं संगठन भी एक्शन मोड में नजर आ रही है। खास तौर पर बीजेपी के उन नेताओ की सक्रियता चर्चा का विषय है जो लंबे समय से मध्यप्रदेश की सियासत से दूर रहकर सूबे में या तो दबदबा दिखाने की कोशिश में है या फिर प्रदेश की सियासत में वापसी के रास्ते तलाश रहे हैं। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय की सक्रियता की चर्चा सबसे ज्यादा है।
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बीजेपी संगठन में कार्यक्रमों की शुरुआत हो चुकी है, प्रशिक्षण वर्ग और कार्य समिति के बहाने संगठन के दिग्गज नेता भोपाल में मौजूद है, हालांकि कोविड काल की वजह से कार्य समिति में भोपाल में केवल 20 पदाधिकारी शामिल होंगे, जबकि दिल्ली से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर , फग्गन सिंह कुलस्ते , प्रह्लाद पटेल और धर्मेद्र प्रधान शामिल होंगे। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल में चिंतन बैठक में शामिल होने की खबर थी। सिंधिया भोपाल आए भी पर उसके बाद उनके कार्यक्रम में तब्दीली हुई और वो अब दिल्ली से राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ बैठक में शामिल होंगे, इसको लेकर कांग्रेस अब सवाल उठा रही है ।
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प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद टीम वीडी की ये पहली कार्य समिति की बैठक है। लिहाजा इस बैठक के बाद बीजेपी सरकार और संगठन के लिए कार्यकर्ताओं को बड़ा मैसेज देने की कोशिश है पर बड़े नेताओं के सियासी मेल-मिलाप.. सिंधिया के लगातार दौरे और प्रदेश में सियासी हलचल के बीच ये कार्य समिति बीजेपी के ऑल इस वेल का संदेश दे पाएगी, ये बड़ा सवाल है ..