15 वर्षों के शोध के बाद आम की पांच नई प्रजातियां विकसित, छत्तीसगढ़ की जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं किस्में

15 वर्षों के शोध के बाद आम की पांच नई प्रजातियां विकसित, छत्तीसगढ़ की जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं किस्में

  •  
  • Publish Date - May 22, 2019 / 09:00 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

रायपुर । छत्तीसगढ़ में आम उत्पादन करने वाले किसानों को ज्यादातर आंधी तूफान से नुकसान झेलना पड़ता है। आम की फसलों का नुकसान कम करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने आम की ऐसी किस्म को विकसित किया है, जिसका फल आंधी- तेज बारिश में भी नहीं गिरता। आम की पांचों किस्मों को छत्तीसगढ़ की जलवायु और मिट्टी को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

ये भी पढ़ें- राहुल गांधी ने अगले 24 घंटे को बताया बेहद अहम, नेता और कार्यकर्ताओं…

रायपुर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में पिछले 15 वर्षों के शोध के बाद आम की पांच नई प्रजातियां विकसित की गई हैं। जिनमें एक किस्म है छत्तीसगढ़ पवन, इसका डंठल मोटा और मजबूत होने के कारण आंधी के झटकों से टूटता नहीं है । छत्तीसगढ़ पवन का एक-एक फल 268 ग्राम का होता है। दूसरी किस्म है छत्तीसगढ़ स्वर्णप्रभा, कम रेसे और मक्खन जैसे गूदे वाला यह आम खाने में स्वादिष्ट है। स्वर्णप्रभा आम की किस्म हर साल फल देती है। आम की तीसरी किस्म विकसित की गई है छत्तीसगढ़ आचार। इस किस्म काआम का गुच्छे में फलता है और आचार बनाने के लिए सर्वोत्तम हैं।

ये भी पढ़ें- घर के पूर्व ड्राइवर ने बच्चे को किया अगवा, फिरौती में मांगे 3 करोड़,…

चौथी किस्म है छत्तीसगढ़ गौरव, इस किस्म का आम सुनहरे पीले रंग का होता है। ये आम देखने मे आकर्षक है इसलिए इसे छत्तीसगढ़ का गौरव नाम दिया है । ये कम खट्टा आम है। पांचवीं किस्म है छत्तीसगढ़ राज, कम फाइबर और नर्म पल्प युक्त यह नियमित फलने वाली किस्म विकसित की गई है।

<iframe width=”560″ height=”315″ src=”https://www.youtube.com/embed/VF_PM_Qo7no” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>