धमतरी: वक्त बदला लेकिन धमतरी जिले के तेलिनसत्ती गांव का दस्तूर नही बदला है। इस गांव में बिना होलिका दहन के फागून का त्योहार मनाया जाता है। गांववालो की मान्यता है कि आग जलाने से उनपर आफत आ सकती है। सदियों से चली आ रही इस परम्परा को आज के युवा आस्था से जोड़कर देखते है।
Read More: कोरोना को लेकर सीएम भूपेश बघेल और मंत्रियों की अहम बैठक जारी, हो सकता है बड़ा फैसला
दरअसल तेलीनसत्ती गांव में तालाब के पास मौजूद मन्दिर में अनोखे दस्तूर की दास्तां छिपी हुई है। बहुत पहले इस गांव की एक महिला अपने पति की चिता में सती हुई थी, तब से यह परम्परा चली आ रही है। इस गांव मे न होली जलाई जाती है और नाही दशहरे में रावण का दहन किया जाता है। आजतक किसी ने इस दस्तूर को तोड़ने की कोशिश नहीं की। तेलिनसत्ती गांव की अनोखी परंपरा अब इसकी पहचान बन चुकी है। यहां के लोग सदियों से तीज त्योहार अपने तरीके से मनाते रहे है, जो अन्य गांवो से इन्हें अलग बनाता है।
Read More: होलिका दहन को लेकर पूरे प्रदेश में उत्साह, महिलाओं ने होलिका की पूजा कर परिक्रमा की