रायपुर । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को निधन हो गया। बीते दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और उनकी पत्नी शांति देवी वोरा कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद दोनों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कल ही अपना 93वां जन्मदिन मनाया था।
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बताया गया कि दो दिन पहले ही उन्हें दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी समस्या के चलते भर्ती कराया गया था। जहां आज उनका निधन हो गया। मोतीलाल वोरा लंबे समय तक कांग्रेस कोषाध्यक्ष रहे। वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को निधन हो गया। बीते दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और उनकी पत्नी शांति देवी वोरा कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद दोनों को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कल ही अपना 93वां जन्मदिन मनाया था।
मोतीलाल वोरा का जन्म राजस्थान के नागौर में हुआ था, हालांकि मोतीलाल वोरा और उनका परिवार दुर्ग में रहता है। मोतीलाल वोरा के पिता का नाम मोहनलाल वोरा और माता का नाम अंबा बाई था, उनका जन्म 20 दिसंबर 1928 को हुआ था। कल ही उन्होंने अपना जन्मदिन मनाया था।
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बहुमुखी प्रतिभा के धनी मोतीलाल वोरा ने पत्रकारिता और समाजसेवा करते हुए मोतीलाल वोरा राजनीति में ऐसे रचे बसे कि फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मोतीलाल वोरा की हर दौर में गांधी परिवार से निकटता था। मोतीलाल वोरा राजनीति में किशोरीलाल शुक्ल के विचारों से प्रभावित होकर कांग्रेस में आए,
मोतीलाल वोरा ने वर्ष 1968 में दुर्ग नगर निगम में पार्षद निर्वाचित होकर राजनीतिक सफर शुरू किया। तत्कालीन समय समाजवादी पार्टी से जुड़े वोरा ने किशोरीलाल शुक्ल से प्रभावित होकर कांग्रेस की सदस्यता ली। साल 1972 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य (विधायक) बने। इसके बाद वर्ष 1977 और फिर 1980 में भी चुनाव जीतकर वे विधायक निर्वाचित हुए।
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मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के कार्यकाल के समय मोतीलाल वोरा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। मोतीलाल वोरा 13 मार्च 1985 को मध्यप्रदेश के सीएम बने। 13 फरवरी 1988 को उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया। दरअसल मोतीलाल वोरा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर केंद्रीय मंत्री नना स्वीकार किया था। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तत्काल बाद वोरा को राज्यसभा सदस्य बनाया गया। राज्यसभा की सदस्यता के साथ वोरा को केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। उस समय उन्हें स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया। 16 मई 1993 को वोरा को उत्तरप्रदेश के राज्यपाल बनाए गए, लेकिन वोरा 1998 में लोकसभा चुनाव जीत संसद पहुंचे।
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मोतीलाल वोरा की गांधी परिवार से नजदीकी संबंध रहे हैं, कांग्रेस पार्टी का उन पर भरोसा कभी कम नहीं हुआ। वे कई पदों पर रहे। वोरा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष जैसे शीर्ष पदों पर रहे। कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ वोरा का नाम भी नेशनल हेराल्ड केस में शामिल रहा। फुटबॉल और वालीबॉल जैसे खेल में दिलचस्पी रखने वाले वोरा को किताबें पढने का शौक था।
Congress leader Moti Lal Vohra (file photo) passes away at Fortis Escort Hospital in Delhi at the age of 93 pic.twitter.com/pCR8QHwXkh
— ANI (@ANI) December 21, 2020