नेशनल हाइवे किसानों का उग्र प्रदर्शन जारी, राज्य को जोड़ने वाले मार्ग पर लगी वाहनों की लंबी कतारें

नेशनल हाइवे किसानों का उग्र प्रदर्शन जारी, राज्य को जोड़ने वाले मार्ग पर लगी वाहनों की लंबी कतारें

नेशनल हाइवे किसानों का उग्र प्रदर्शन जारी, राज्य को जोड़ने वाले मार्ग पर लगी वाहनों की लंबी कतारें
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: February 23, 2020 7:45 am IST

कवर्धा। जिले में बीते चार दिनों से जारी किसानों का धरना प्रदर्शन आज भी जारी है। इस बीच सबसे ज्यादा समस्या आम लोगों को उठानी पड़ रही है। कवर्धा में जहां कलेक्टर गेट के सामने किसान दो दिन से बैठे हुए हैं। भारतीय किसान संघ शुक्रवार से अनिशचितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं। किसानों ने बोड़ला में भी जाम लगा दिया है। नेशनल हाईवे मार्ग पर आज धान खरीदी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
आंदोलनरत किसानों ने चिल्फी, जबलपुर, मंडला जाने वाला मार्ग बंद कर दिया है। मध्यप्रदेश राज्य को जोड़ने वाले मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई है। बता दें कि ग्राम बिरकोना में आज चौथे दिन भी जाम लगा हुआ है। आम लोगों को फिलहाल कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। बता दें कि बोड़ला में आज पहली बार किसानों ने जाम लगाया है।

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किसानों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन अब भी जारी है। कलेक्टर गेट के सामने बैठे किसान चौथे दिन भी यहां डटे हुए हैं।
जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी शनिवार रात को किसानों को समझाइश देने पहुंचे थे । हालांकि किसानों ने आंदोलन खत्म करने से मना कर दिया है। ग्राम बिरकोना में नेशनल हाईवे में जाम भी प्रशासन नहीं खुलवा सका है। प्रशासन की समझाइश पर भारतीय किसान संघ ने धरना समाप्त कर दिया है। लेकिन किसान अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने
सोमवार को हाईकोर्ट में याचिका लगाने की भी बात कही है।

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जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की लापरवाही ही है जिसके कारण ये नौबत आई है। दरअसल छह माह पहले ही जिले में पटवारी धान का सर्वे का रकबा की जानकारी देते हैं। कवर्धा जिले में एक लाख हेक्टेयर धान रकबा होने की जानकारी होते हुए भी प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदी की दर से बारदाना खरीदी किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। 13 फरवरी को पंडरिया विधायक ने भी कलेक्टर को आवेदन करके धान खरीदी की समस्याओं से अवगत कराया था । वहीं जिला प्रशासन की लापरवाही को उजागर खत के माध्यम से की गई थी, तब भी जिला प्रशासन में विधायक के आवेदन को नजरअंदाज किया गया। किसानों के मुताबिक अगर सही समय पर बारदाना उपलब्ध करा दिया जाता तो इस स्तिथि से गुजरना नहीं पड़ता।


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