मीसा बंदियों को पेंशन देने का नियम खत्म, कांग्रेस प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जताया आभार

मीसा बंदियों को पेंशन देने का नियम खत्म, कांग्रेस प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जताया आभार

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  • Publish Date - January 23, 2020 / 02:52 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:20 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने मीसाबंदियों की पेंशन को बंद कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता की मांग पर मीसा कानून 2008 को खत्म कर दिया गया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहां की उन्होंने लगातार मीसा बंदियों पर ख़र्च की जाने वाली लाखों-करोड़ों रुपयों की राशि वितरण पर रोक लगाने एवं मीसा कानून 2008 को तत्काल खत्म करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की थी।

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कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया कि तत्कालीन भाजपा की रमन सरकार द्वारा भाजपा और आरएसएस के नेताओं को खुश करने के लिए और अपने नंबर बढ़ाने के लिए वर्ष 2008 में कानून बनाकर मीसा बंदियों को राशि प्रदान करने का आदेश पारित किया था जिसे सम्मान निधि कहा जाता था । विकास तिवारी ने कहा कि प्रदेश के उन भाजपा और आर एस एस के नेताओं का चयन करके, जिनका न तो देश की आजादी की लड़ाई से कोई वास्ता था न तो कोई भी क्रांतिकारी वाला काम इनके द्वारा किया गया था, फिर भी उन्हें मीसाबंदी घोषित किया गया और 25000 रुपए प्रति व्यक्ति से अधिक की राशि इन पर राजकीय कोष से खर्च किया जाता था। जिसका सीधा असर प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के द्वारा अपनी राजनीति भाजपा और आरएसएस के नेताओं के सामने चमकाने के लिये किया जाता था।

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कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन सम्मान निधियों में जो राशि खर्च की जाती थी उन्हें अब प्रदेश के बेरोजगार युवाओं आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले प्रतिभाओं पर खर्च किया जाना चाहिए ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके।