सुकमा: जिले के तोंगपाल इलाके में 108 संजीवनी टेक्निकल स्टॉफ की संवेदनशीलता के चलते एक प्रसूता की जान बच गई। दरअसल इलाके के उपलंका गांव में एक गर्भवती का प्रसव पीड़ा होने के बाद परिजनों ने 108 संजीवनी एक्सप्रेस को फोनकर सूचना दी। लेकिन गांव तक पहुंचने से पहले 108 को पुल पार करना पड़ता, लेकिन पुल पर पानी ज्यादा होने के चलते संजीवनी एक्सप्रेस गांव तक नहीं पाई। गर्भवती महिला की हालात लगातार बिगड़ते ही जा रही थी। हालात को देखते हुए संजीवनी एक्सप्रेस के टेक्निकल स्टॉफ ने जंगल में ही महीला का प्रसव कराया। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित है।
मिली जानकारी के अनुसार उपलंका गांव निवासी कोशी को प्रसव पीड़ा होने के बाद संजीवनी एक्सप्रेस को सूचित किया गया। संजीवनी एक्सप्रेस गांव तक पहुंचती इससे पहले उफनती नदी ने उसका रास्ता रोक लिया। इसके बाद परिजनों ने पगडंडी और पथरिले रास्ते से होते हुए गर्भवती को संजीवनी एक्सप्रेस तक पहुंचाया। लेकिन तब तक कोशी की हालत बिगड़ चुकी थी। हालात को देखते हुए बीज रास्ते में ही महिला का प्रसव कराना पड़ा। इसके बाद जच्चा—बच्चा दोनों को पीएचसी तोंगपाल में भर्ती कराया गया। फिलहाल दोनों की हालत ठीक है।
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