कोरोना पर तीखी बहस, जो 70 सालों में नहीं हुआ, अब हो रहा है : महाधिवक्ता, हाईकोर्ट ने दिया करारा जवाब- 20 सालों से आपकी सरकार, क्या किया बताएं

कोरोना पर तीखी बहस, जो 70 सालों में नहीं हुआ, अब हो रहा है : महाधिवक्ता, हाईकोर्ट ने दिया करारा जवाब- 20 सालों से आपकी सरकार, क्या किया बताएं

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  • Publish Date - May 19, 2021 / 02:17 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:47 PM IST

जबलपुर । कोरोना आपदा मामले में आज सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पर तीखी टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि जैसा उसने आदेश दिया था वैसा सरकार ने नहीं किया, जिसके चलते आज भी निजी अस्पताल जनता को लूट रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने कहा कि जनता अपने जेवर-जमीन बेचकर निजी अस्पतालों की फीस चुकाने को मजबूर है, जनता को लूटा जा रहा है, जनता का दर्द हमारा दर्द है।
हाईकोर्ट ने इस बात पर नाराज़गी जताई है कि सरकार ने निजी अस्पतालों में इलाज की अधिकतम दरें तय नहीं कीं और अब सरकार कह रही है कि वो निजी अस्पतालों की दर नियंत्रित नहीं कर सकती है।

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दरअसल आज राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब पेश करते हुए कहा कि निजी अस्पतालों की दरें तय करना व्यवहारिक नहीं है, वो ऐसा नहीं कर सकती है। कोर्ट ने पाया कि सरकार के पास कोरोना पूर्व इलाज की दरों का कोई ब्यौरा ही नहीं था और निजी अस्पतालों ने चालीस फीसदी दरें बढ़ाने के नाम पर मनमानी दरें बढ़ाईं जिसे राज्य सरकार की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने अस्पतालों में इलाज की अधिकतम दरें तय करने की बजाय खुद निजी अस्पतालों को ही मनमानी दरें तय करने की छूट दे दी जो हाईकोर्ट के मूल आदेश के खिलाफ है।

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आज सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वो निजी अस्पतालों की दरें तय करने पर निर्णय लें, क्योंकि यही आदेश हाईकोर्ट ने करीब एक माह पहले राज्य सरकार को दिया था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और कोर्ट मित्र नमन नागरथ को आदेश दिया है कि वो निजी अस्पतालों की विभिन्न श्रेणियों में इलाज की अधिकतम दरें तय करने पर विचार करें और अपना जवाब हाईकोर्ट में पेश करें। हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 24 मई की तारीख तय की है।  वहीं आज सुनवाई के दौरान जब प्रदेश के महाधिवक्ता ने ये कहा कि जो सत्तर सालों में नहीं हुआ वो प्रदेश में अब हो रहा है, तो हाईकोर्ट ने तल्खी दिखाई।  हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता से कहा कि उन्हें 70 सालों से कोई मतलब नहीं है लेकिन मौजूदा सरकार 20 सालों से प्रदेश में हैं, वो ये बताए कि इन 20 सालों में उसने क्या किया।