भोपाल। मध्यप्रदेश व्यापमं घोटाले के बाद व्यापमं का नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड किया गया। मगर इस बार PEB पर भी घोटाले का गंभीर आरोप लगा है। दरअसल वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए ली गई परीक्षा संदेह के घेरे में है।
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PEB ने 10-11 फरवरी 2021 को ये परीक्षा आय़ोजित की, लेकिन जब इसका रिजल्ट आया तो ऐसे 10 छात्र जो अपनी एग्रीकल्चर BSC की डिग्री 4 साल की जगह 5 से 6 साल में पूरी कर सके। उन्होंने 200 में से 190-195 नंबर हासिल किए।
इसका खुलासा तब हुआ जब व्यापमं ने 17 फरवरी को आंसर शीट जारी की। सभी को नंबर भी एक जैसे मिले, आंसर शीट में एक जैसी गलतियां थी। हैरानी की बात ये भी कि सभी 10 छात्र एक की कॉलेज में पढ़े और चंबल संभाग के रहने वाले हैं। दूसरे अभ्यर्थी इसे व्यापमं घोटाला-2 बता रहे हैं।
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जिन छात्रों पर टॉप करने का आरोप है उनमें बलराम त्यागी, शिवकुमार शर्मा, संजय शर्मा, जितेन्द्र शर्मा, दीपक कुमार पीपल, मोहन शर्मा, रविन्द्र शर्मा, मनीश शर्मा, निवेश शर्मा और दीपक रावत बताए हैं।
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यह 10 छात्र जिला मुरैना और भिंण्ड के रहने वाले हैं। जिन छात्रों ने व्यापमं घोटाले से जुड़े जो आरोप लगाए हैं। उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं। आरोप है कि 10 छात्रों में दो ऐसे भी छात्र हैं, जिनका नाम साल 2012-13 में व्यापमं घोटाले से भी जुड़ा है। तब जांच के दौरान STF ने सभी कॉलेज से जानकारी मांगी थी। तब प्री एग्रीकल्चर टेस्ट की परीक्षा में दो छात्र मोहन शर्मा और मनीष शर्मा के नाम सामने आए थे। ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय को संदेह था और दोनों छात्रों के नाम लिखकर दिए थे। इन 10 छात्रों में से यही दो छात्र हैं, जो वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा में शामिल हुए थे।
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व्यापमं ने एग्रीकल्चर की इस परीक्षा को आयोजित कराने के लिए मुंबई की जिस कंपनी को ठेका दिया था उस पर पहले भी कई आरोप लगे हैं। कई राज्यों में ये कंपनी एग्जाम कराने के मापदंडों में हमेंशा विफल रही है। इसी कंपनी ने साल 2017 में उत्तप्रदेश में सब इंस्पेक्टर की परीक्षा का अयोजन कराया था। इसके बाद कंपनी पर पेपर लीक और प्रश्न पत्र हैक करने का आरोप लगा था, तब उत्तप्रदेश STF आईजी अमिताभ यश ने इस कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। इतने आरोपों के बाद भी मध्यप्रदेश में इस कंपनी को एग्जाम कराने का टेंडर देना सवालों के घेरे में है।
वहीं इस मामले पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने दावा किया है कि अधिकारियों को तलब कर जांच-पड़ताल के निर्देश दिए जा चुके हैं। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की बात मंत्री ने कही है,वहीं काग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।
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एमपी अजब है, सबसे अलग है यह बात बिल्कुल सच है। क्योंकि मध्य प्रदेश में एग्रीकल्चर विभाग के नाम पर व्यापमं घोटाला-2 सामने आया है। बहुचर्चित व्यापमं घोटाले से भी कोई सबक नहीं लिया और एक और धांधली को अंजाम दिया गया। अब देखना होगा कि मामले के खुलासे के बाद अफसरों पर क्या कार्रवाई हो पाती है, औऱ लापरवाही का ठीकरा किसके उपर फूटता है।
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