देहरादून: 16 days in char dham yatra चारधाम की यात्रा शुरू हो चुकी है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए हजारों लोग शामिल होने के लिए आवेदन दिए थे, जिनमें कुछ चुनिंदा लोगों का ही चयन हो पाया। वहीं सरकार ने यह दावा किया था कि इस यात्रा के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है, लेकिन मौजूदा हालात के अनुसार यात्रा के दौरान अव्यवस्था देखने को मिल रही है। इन्हीं अव्यवस्थाओं के चलते यात्रा के दौरान 6 दिन के भीतर 16 लोगों की मौत हो चुकी है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
16 days in char dham yatra 3 मई को अक्षय तृतीया के मौके पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के पट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा की शुरुआत हो गई थी। 6 मई को केदारनाथ (Kedarnath) धाम और रविवार को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारों धाम में श्रद्धालुओं का जमावड़ा शुरू हो गया है।
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दरअसल चारधाम 10,000 फीट और 12,000 फीट के बीच की ऊंचाई पर स्थित हैं। इस वजह से कई तीर्थयात्रियो को दिल संबंधी परेशानी हो गई। एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार हैरानी की बात यह है कि, राज्य ने तीर्थयात्रियों को हेल्थ फिटनेस प्रमाण पत्र देना अनिवार्य नहीं किया था और न ही तीर्थयात्रियों की संख्या पर कोई सीमा तय की गई। इसके अलावा, इस ,साल कोविड टीकाकरण प्रमाण पत्र या नेगिटिव टेस्ट रिपोर्ट को भी अनिवार्य नहीं किया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने कहा कि मौतें कई कारणों से हो रही हैं।
उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ केएस चौहान ने कहा,’तीर्थयात्रियों की संख्या पर कोई सीमा नहीं है और इसलिए चेक पोस्ट पर भीड़ बहुत अधिक है. लोग हेल्थ टेस्ट नहीं करा रहे हैं और अगर कोई अनफिट पाया जाता है, तो कोई दुर्घटना होने पर अंडरटेकिंग देने को तैयार हो जाते हैं।’ इसी तरह, रुद्रप्रयाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके शुक्ला ने कहा, ज्यादातर मौतें दिल के दौरे के कारण और 60 से अधिक उम्र के लोगों की हुई हैं, जिन्हें बल्ड प्रेशर और शुगर जैसी कई बीमारियां थी।
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