भारत और बांग्लादेश के बीच 200 मीटर लंबी सुरंग का खुलासा, अंतरराष्ट्रीय तस्करी-अपहरण के लिए किया जाता था इस्तेमाल

भारत और बांग्लादेश के बीच 200 मीटर लंबी सुरंग का खुलासा, अंतरराष्ट्रीय तस्करी-अपहरण के लिए किया जाता था इस्तेमाल

भारत और बांग्लादेश के बीच 200 मीटर लंबी सुरंग का खुलासा, अंतरराष्ट्रीय तस्करी-अपहरण के लिए किया जाता था इस्तेमाल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: January 3, 2021 6:46 am IST

सिलचर। भारत और बांग्लादेश को जोड़ने वाली 200 मीटर लंबी सुरंग का बड़ा खुलासा हुआ है। इस सुरंग का पता पुलिस के रेस्क्यू अभियान के दौरान चला है। असम पुलिस को करीमगंज में भारत और बांग्लादेश को जोड़ने वाली 200 मीटर लंबी सुरंग मिली है, जबकि वहां से अगवा किए गए एक व्यक्ति को पुलिस ने बचाया गया है। पुलिस का मानना है कि इस सुरंग का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय तस्करी या अपहरण के लिए किया जाता था।

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बता दें कि पुलिस ने 28 दिसंबर को अपहरण किए गए युवक दिलवर हुसैन को बचाते हुए सुरंग का पता लगाया। अपहरणकर्ताओं ने उसके परिजनों को फोन कर 5 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। लौटने के बाद दिलवर ने सुरंग के बारे में पुलिस को सूचित किया और शुक्रवार को एक विशेष टीम ने बलिया इलाके में तलाशी अभियान चलाया। यह सुरंग एक जंगल के अंदर गहराई में छिपी है। जिसके ऊपर कंटीली बाड़ है।

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दिलवर ने बताया कि यह सुरंग बांग्लादेश के सिलहट की ओर जाती है और रेगुलर इसका इस्तेमाल स्मलिंग के सामानों और लोगों के अपरहण करने के लिए किया जाता है। एसपी कुमार ने कहा कि बीएसएफ ने पहले ही इसको बंद करने को कहा था। दिलवर के अनुसार यहां 92 किलोमीटर के करीमगंज बॉर्डर में करीब 63 जगह नैचुरल गैप है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com