एंटी-रैगिंग मानदंडों का पालन न करने पर यूजीसी की ‘डिफॉल्टर’ सूची में रखे गए चार आईआईटी, तीन आईआईएम

एंटी-रैगिंग मानदंडों का पालन न करने पर यूजीसी की ‘डिफॉल्टर’ सूची में रखे गए चार आईआईटी, तीन आईआईएम

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  • Publish Date - June 29, 2025 / 04:05 PM IST,
    Updated On - June 29, 2025 / 04:05 PM IST

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) चार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और तीन भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रैगिंग रोधी मानदंडों का पालन नहीं करने के कारण ‘डिफॉल्टर’ सूची में रखे गए हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

यूजीसी ने देशभर के 89 संस्थानों को एंटी-रैगिंग मानदंडों के अनिवार्य अनुपालन का शपथ पत्र जमा न करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ‘डिफॉल्टर’ सूची में आईआईटी, आईआईएम, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) सहित राष्ट्रीय महत्व के 17 संस्थान शामिल हैं।

‘डिफॉल्टर’ आईआईटी में आईआईटी बंबई, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी पलक्कड़ और आईआईटी हैदराबाद हैं। इसी तरह, आईआईएम बंबई, आईआईएम रोहतक और आईआईएम तिरुचिरापल्ली भी सूची में हैं। ‘डिफॉल्टर’ में एम्स रायबरेली और एनआईडी- दिल्ली, आंध्र प्रदेश और हरियाणा भी शामिल हैं।

यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा, ‘यूजीसी के ध्यान में आया है कि उसके द्वारा जारी कई परामर्शों, एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन से कॉल और एंटी रैगिंग निगरानी एजेंसी के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप के बावजूद, ये संस्थान छात्रों का अनिवार्य एंटी-रैगिंग शपथ पत्र और संस्थानों का अनुपालन हलफनामा प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘रैगिंग पर यूजीसी विनियमन, 2009 का पालन सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए अनिवार्य है। इसका पालन न करना न केवल यूजीसी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है, बल्कि छात्रों की सुरक्षा से भी समझौता है, विशेष रूप से रैगिंग से संबंधित संकट और परिसर में शत्रुता के बारे में बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर।’

यूजीसी ने नियमों का पालन नहीं करने वाले संस्थानों को आगाह किया है कि यदि 30 दिन में मानदंडों का अनुपालन नहीं किया गया तो यूजीसी अनुदान और वित्त पोषण वापस ले लिया जाएगा, जिससे वित्तीय सहायता और शोध परियोजनाएं प्रभावित होंगी तथा उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी या उनकी संबद्धता वापस ले ली जाएगी।

राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर), हैदराबाद; अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू); नालंदा विश्वविद्यालय; इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) और भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता ‘डिफॉल्टर’ सूची में शामिल अन्य प्रमुख संस्थानों में शामिल हैं।

एंटी-रैगिंग विनियम, 2009 के अनुसार प्रत्येक छात्र और उनके माता-पिता तथा अभिभावकों को प्रवेश के समय तथा प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के आरंभ में एंटी-रैगिंग शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा।

भाषा आशीष जोहेब

जोहेब