न्यायमूर्ति स्वामीनाथन को पद से हटाने के प्रयासों की 56 पूर्व न्यायाधीशों ने निंदा की

न्यायमूर्ति स्वामीनाथन को पद से हटाने के प्रयासों की 56 पूर्व न्यायाधीशों ने निंदा की

न्यायमूर्ति स्वामीनाथन को पद से हटाने के प्रयासों की 56 पूर्व न्यायाधीशों ने निंदा की
Modified Date: December 12, 2025 / 07:30 pm IST
Published Date: December 12, 2025 7:30 pm IST

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) द्रमुक द्वारा मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी आर स्वामीनाथन को पद से हटाने के प्रयास की निंदा करते हुए शुक्रवार को 56 पूर्व न्यायाधीशों ने एक बयान जारी किया और इसे ‘‘न्यायाधीशों को डराने-धमकाने का एक निर्लज्ज प्रयास’’ बताया।

एक दिसंबर को न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने फैसला सुनाया कि अरुलमिघु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर, उची पिल्लैयार मंडपम के पास प्रथागत दीपक जलाने के अतिरिक्त, दीपाथून में भी दीपक जलाने के लिए कर्तव्यबद्ध है।

एकल न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि ऐसा करने से निकटवर्ती दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन नहीं होगा।

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इस आदेश से विवाद खड़ा हो गया और नौ दिसंबर को द्रमुक के नेतृत्व में कई विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को न्यायाधीश को हटाने के लिए एक प्रस्ताव लाने का नोटिस सौंपा।

बयान में कहा गया, ‘‘यह समाज के एक विशेष वर्ग की वैचारिक और राजनीतिक अपेक्षाओं के अनुरूप न चलने वाले न्यायाधीशों को धमकाने का एक निर्लज्ज प्रयास है। यदि ऐसे प्रयास को जारी रहने दिया गया, तो यह हमारे लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जड़ों को ही नष्ट कर देगा।’’

इसमें कहा गया है कि यदि हस्ताक्षरकर्ता सांसदों द्वारा बताए गए कारणों को अक्षरशः मान भी लिया जाए, तो भी ये पद से हटाने जैसे दुर्लभ, असाधारण और गंभीर संवैधानिक उपाय का सहारा लेने के लिए अपर्याप्त हैं। बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में उच्चतम न्यायालय के दो पूर्व न्यायाधीश, विभिन्न उच्च न्यायालयों के पांच पूर्व मुख्य न्यायाधीश और 49 सेवानिवृत्त न्यायाधीश शामिल हैं।

भाषा शफीक दिलीप

दिलीप


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