लखनऊ। यूपी के करीब 5000 शिक्षकों ने पुरानी पेंशन की बड़ी लड़ाई जीत ली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने योगी सरकार को जूनियर हाईस्कूल में तैनात शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का फायदा देने का आदेश दिया है। इस आदेश से हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों में जबर्दस्त खुशी है। उनका कहना है कि अदालत का आदेश हमारे हित में है। हम चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द इस पर अमल करे।
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साल 2006 में उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने 1000 जूनियर हाईस्कूलों को अनुदान सूची में शामिल किया था। इनमें काम करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों की संख्या 5 हजार के करीब है। इन शिक्षकों ने यूपी सीनियर बेसिक शिक्षक संघ की ओर से याचिका की थी।
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याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन को लेकर दिए गए 28 मार्च 2005 के ऑर्डर पर अमल करना शुरू कर दिया और हमारा यह बेनिफिट रोक दिया। हालांकि कोर्ट ने इस आदेश को खारिज करते हुए शिक्षकों को पुरानी पेंशन का फायदा देने को कहा है।
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शिक्षक पुराने पेंशन के हकदार
कोर्ट ने इस दलील को माना कि इन शिक्षकों की नियुक्ति नई पेंशन योजना लागू होने से पहले हो चुकी थी, इसलिए ये Old pension के हकदार हैं। सरकार ने इन शिक्षकों और कर्मचारियों की सैलरी भी 2005 के ग्रेड पे बैंड हिसाब से तय की थी।
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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री आरके निगम ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सरकार को इन शिक्षकों के साथ दूसरे कर्मचारियों को भी Old Pension का फायदा देना चाहिए। इसके लिए हम कई साल से आंदोलन कर रहे हैं।
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केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को विड्रा करते हुए 1 अप्रैल 2005 से New Pension Scheme की शुरुआत की थी। हालांकि पुरानी पेंशन फिर से लागू करने के लिए देशभर के लाखों सरकारी कर्मचारी मांग कर रहे हैं।
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