पेरिस समझौते के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कार्बन उत्सर्जन में 80 प्रतिशत और कटौती की जरूरत

पेरिस समझौते के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कार्बन उत्सर्जन में 80 प्रतिशत और कटौती की जरूरत

पेरिस समझौते के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कार्बन उत्सर्जन में 80 प्रतिशत और कटौती की जरूरत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: February 11, 2021 1:24 pm IST

नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) जलवायु परिवर्तन के कारण चरम प्राकृतिक घटनाओं को रोकने और तापमान में बढ़ोतरी को दो डिग्री से नीचे रखने के लिए कार्बन उत्सर्जन में और 80 प्रतिशत कटौती का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करने की जरूरत है। एक नए अध्ययन में यह बात कही गयी है।

पेरिस समझौते के तहत तापमान की वृद्धि दो डिग्री से नीचे रखने के लक्ष्य के संबंध में वैज्ञानिकों ने कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर आंकड़ों का विश्लेषण किया। अमेरिका में वाशिंगटन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भी इसमें शामिल थे।

‘कम्युनिकेशन अर्थ एंड एन्वायरन्मेंट’ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक तापमान में वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए हर साल उत्सर्जन में एक प्रतिशत के बजाए 1.8 प्रतिशत कटौती करनी होगी।

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वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में ग्रीन हाउस गैसों, राष्ट्रीय आबादी, प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन जैसे मानकों का इस्तेमाल किया।

अध्ययन के अग्रणी लेखक, वाशिंगटन विश्वविद्यालय के एड्रियन राफटेरी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों से कई लोग कह रहे हैं कि उत्सर्जन को लेकर और ज्यादा महत्वाकांक्षी लक्ष्य बनाने की जरूरत है। सवाल है कि कितना लक्ष्य रखने की जरूरत है।’’

वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधार्थी पेरन लिउ ने कहा, ‘‘तापमान कम करने के लिए पेरिस समझौते के लक्ष्य को पाने के लिए हम ऐसे कदम नहीं उठा रहे हैं जिससे कि यह लक्ष्य पूरा हो, लेकिन इसके लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर तापमान में कटौती के लक्ष्य को हासिल करने के लिए वार्षिक उत्सर्जन दर में 80 प्रतिशत कमी की जरूरत है। लेकिन, अगर देश कदम नहीं उठा पाते हैं तो अतिरिक्त कदम भी कम ही पड़ेंगे।’’

वैज्ञानिकों ने अध्ययन में लिखा है, ‘‘सबसे ज्यादा उत्सर्जन करने वाले देशों में चीन को कटौती लक्ष्यों में सात प्रतिशत, अमेरिका को 38 प्रतिशत, भारत को 55 प्रतिशत, जापान को 49 प्रतिशत और जर्मनी को 25 प्रतिशत की वृद्धि करनी चाहिए। ’’

भाषा आशीष नरेश

नरेश


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