8th Pay Commission Pension: 8वें वेतन आयोग पेंशन भोगियों को कितना होगा फायदा, ये रहा पूरा कैलकुलेशन

8th Pay Commission Pension: 8वें वेतन आयोग पेंशन भोगियों को कितना होगा फायदा, ये रहा पूरा कैलकुलेशन

8th Pay Commission Pension: 8वें वेतन आयोग पेंशन भोगियों को कितना होगा फायदा, ये रहा पूरा कैलकुलेशन

8th Pay Commission Pension Calculator | Photo Credit: IBC24

Modified Date: October 31, 2025 / 10:10 pm IST
Published Date: October 31, 2025 10:10 pm IST
HIGHLIGHTS
  • केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की Terms of Reference को मंजूरी दी
  • आयोग अब वेतन, पेंशन और भत्तों की समीक्षा कर सिफारिशें तैयार करेगा
  • अगर फिटमेंट फैक्टर बढ़ा तो पेंशन और वेतन में दोगुनी तक वृद्धि संभव

नई दिल्ली: 8th Pay Commission Pension Calculator केंद्र सरकार ने मंगलवार को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों (TOR) को मंजूरी दे दी। जिसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों के बीच 8वें वेतन आयोग को लेकर काफी चर्चा है। केंद्रीय कर्मचारियों को अब आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने का इंतजार है। सरकार के पेंशनभोगी पोर्टल के अनुसार 30 अक्टूबर 2025 तक 68.72 लाख पेंशनभोगी हैं। इनमें नागरिक, रक्षा, रेलवे, डाक और दूरसंचार विभाग के कर्मचारी शामिल हैं।

8th Pay Commission Pension Calculator हर वेतन आयोग में पेंशन और वेतन संशोधन का सबसे महत्वपूर्ण तत्व होता है फिटमेंट फैक्टर। यह एक ऐसा गुणांक है जिससे पुराने वेतन या पेंशन को गुणा कर नई राशि तय की जाती है। सातवें वेतन आयोग के लिए इसे 2.57 पर सेट किया गया था, जिसका मतलब है कि छठे वेतन आयोग में सरकारी कर्मचारियों का मूल वेतन उनकी मूल पेंशन की तुलना में 2.57 गुना बढ़ गया।

आठवें वेतन आयोग के लिए फिटमेंट फैक्टर का पता तब चलेगा जब केंद्रीय मंत्रिमंडल वेतन आयोग की सिफारिशों पर मुहर लगा देगा। यदि सरकार फिटमेंट फैक्टर (मान लीजिए 2.57 से 3.0 या 3.68) बढ़ाती है तो पेंशनभोगियों की मूल पेंशन में दोगुना तक बढ़ोतरी हो सकती है।

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8वां वेतन आयोग क्या काम करेगा

केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे की समीक्षा और उसमें सुधार की सिफारिश करेगा।

सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन में संशोधन की प्रक्रिया की जांच करेगा।

वेतन समानता और युक्तिकरण के उपाय सुझाएगा ताकि विभिन्न सेवाओं में असमानता न रहे।

भत्तों और अन्य सुविधाओं में बदलाव के सुझाव देगा।

कार्य स्थितियों और मुआवज़े की तुलना सार्वजनिक व निजी क्षेत्र से करेगा।

देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय विवेकशीलता को ध्यान में रखकर सिफारिशें करेगा।

राज्य सरकारों पर वित्तीय प्रभाव का भी मूल्यांकन करेगा, क्योंकि कई राज्य केंद्र की सिफारिशें लागू करते हैं।

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