Reported By: Ranjan Dave
,Jodhpur News / Image Source: IBC24
Jodhpur News: जोधपुर: अजमेर जिले के किशनगढ़-हरमाड़ा रोड पर सोमवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। एक निजी ट्रक पार्किंग में खड़े ट्रेलर में अचानक भीषण आग लग गई। कुछ ही मिनटों में आग ने पूरे ट्रेलर को अपनी लपटों में घेर लिया। हादसे के समय ट्रेलर का चालक केबिन में सो रहा था, जो बाहर निकल नहीं पाया और उसकी मौके पर ही जलकर मौत हो गई। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।
मिली जानकारी के मुताबिक, हादसा रात करीब 11:30 बजे का है। कुचील निवासी 35 वर्षीय मुकेश रैगर, जो ट्रेलर का चालक था अपने वाहन को किशनगढ़ के हरमाड़ा रोड स्थित एक निजी पार्किंग में खड़ा करके केबिन में सो गया था। इसी दौरान अज्ञात कारणों से ट्रेलर में अचानक आग भड़क उठी। आग इतनी तेजी से फैली कि मुकेश रैगर को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला और वो केबिन में ही बुरी तरह झुलस गया। जब आसपास के लोगों ने ट्रेलर से धुआं और लपटें उठती देखीं तो उन्होंने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी।
सूचना मिलते ही गांधीनगर थाना पुलिस और दमकल की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि उसे काबू करने में दमकल कर्मियों को लगभग एक घंटा लग गया। जब तक आग पर काबू पाया गया, तब तक ट्रेलर पूरी तरह जलकर राख हो चुका था। फायर कर्मियों ने बताया कि पास में खड़े बाकी के वाहनों को भी तुरंत हटाना पड़ा क्योंकि आग इतनी भयानक थी कि कभी भी फैल सकती थी। ट्रेलर में ग्रेनाइट का भारी माल भरा हुआ था जिससे लपटें और तेज हो गईं।
गांधीनगर थाना पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट या किसी तकनीकी खराबी को माना जा रहा है। हालांकि, पुख्ता कारणों का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। टीम मौके से सबूत जुटा रही है ताकि ये स्पष्ट हो सके कि आग हादसे से लगी या किसी लापरवाही का परिणाम थी। पुलिस ने मृतक मुकेश रैगर के शव को राजकीय वाईएन अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही ये साफ हो पाएगा कि आग कैसे लगी और क्या किसी की गलती इसमें शामिल थी।
हादसे की खबर मिलते ही पार्किंग क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। कई लोगों ने इस दर्दनाक दृश्य को देखकर कहा कि हादसे के वक्त अगर ट्रेलर के पास कोई मौजूद होता तो शायद चालक की जान बचाई जा सकती थी। स्थानीय लोगों ने ये भी बताया कि पार्किंग क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था काफी कमजोर है और वहां बिजली कनेक्शनों की स्थिति भी खराब रहती है। ये हादसा एक बार फिर ट्रक पार्किंग में सुरक्षा प्रबंधों और बिजली व्यवस्था की पोल खोल गया है। कई ड्राइवर और ट्रक मालिकों ने बताया कि ऐसी पार्किंग में आग बुझाने के सही साधन नहीं होते और न ही कोई सुरक्षा गार्ड या इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम मौजूद रहता है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि पार्किंग स्थलों की नियमित जांच की जाए, खासकर जहां बड़ी संख्या में ट्रक और ट्रेलर खड़े रहते हैं।
गांधीनगर थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल कोई आपराधिक एंगल सामने नहीं आया है, लेकिन सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जांच जारी है। फॉरेंसिक टीम की रिपोर्ट आने के बाद ही ये तय किया जा सकेगा कि आग का कारण तकनीकी खराबी थी या कोई बाहरी वजह। पुलिस ने पार्किंग मालिक से भी पूछताछ की है और सुरक्षा प्रबंधों से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं।