दोहरे गर्भाशय वाली महिला की गुरुग्राम के अस्पताल में सफल ‘लेप्रोस्कोपिक सर्जरी’ की गई |

दोहरे गर्भाशय वाली महिला की गुरुग्राम के अस्पताल में सफल ‘लेप्रोस्कोपिक सर्जरी’ की गई

दोहरे गर्भाशय वाली महिला की गुरुग्राम के अस्पताल में सफल ‘लेप्रोस्कोपिक सर्जरी’ की गई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : June 23, 2022/8:26 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) ‘यूट्रस डाइडेलफिस’ से ग्रसित 56 वर्षीय एक महिला की गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में सफल ‘लेप्रोस्कोपिक सर्जरी’ की गई।

‘यूट्रस डाइडेलफिस’ एक ऐसी परिस्थिति है जो रजोनिवृत्ति के बाद असमान्य रक्तस्राव का कारण बनती है। साथ ही, यह एक ऐसी परिस्थिति है जब किसी महिला में एक के बजाय दो गर्भाशय विकसित होते हैं।

सी.के. बिरला अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि उपचार सफल रहा, मरीज उबर रही हैं और कोई दर्द या रक्तस्राव नहीं हो रहा है।

मरीज ने कहा, ‘‘अपनी बेटी की शादी से कुछ दिन पहले आठ मई को रजोनिवृत्ति के बाद मुझे रक्तस्राव हुआ था और यह बहुत असमान्य बात थी। जांच के बाद यह पाया गया कि मुझमे दो गर्भाशय हैं और इस बात से मैं कभी अवगत नहीं थी। ’’

उन्होंने पहली बार गर्भधारण करने के बारे में बताया, ‘‘मैंने अपना पहला बच्चा गंवा दिया क्योंकि समय से पहले आठ महीने के गर्भ के बाद वह प्रसव हुआ था, तब दोहरे गर्भाशय की परिस्थिति का पता नहीं चल पाया था। ’’

उन्होंने बताया, ‘‘मेरा शिशु जन्म के बाद 24 घंटे से अधिक समय तक जीवित नहीं रह सका था लेकिन मैं यूट्रस डाइडेलफिस के कारण होने वाली जटिलताओं को समझ नहीं पाई थी। ’’

उन्होंने बताया, ‘‘जब मैंने अपनी दूसरी और तीसरी संतान के लिए गर्भधारण किया और दोनों बार सीजेरियन तरीके से बच्चे को जन्म दिया, तब भी यूट्रस डाइडेलफिस का पता नहीं चल सका था। ’’

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने वाली चिकित्सक अरूणा कालरा ने कहा कि अल्ट्रासोनोग्राफ करने के बाद यह खुलासा हुआ कि मरीज को यूट्रस डाइडेलफिस की समस्या है जिसकी फौरन सर्जरी किये जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि टीम ने सफल सर्जरी की।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश

 

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