अभियुक्त को मृत्युदंड से पहले हर प्रकार के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए: उच्चतम न्यायालय |

अभियुक्त को मृत्युदंड से पहले हर प्रकार के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए: उच्चतम न्यायालय

अभियुक्त को मृत्युदंड से पहले हर प्रकार के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए: उच्चतम न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : August 17, 2022/11:01 pm IST

नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि मृत्युदंड अपरिवर्तनीय है इसलिए अभियुक्त को राहत संबंधी परिस्थितियों को लेकर हर प्रकार के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए ताकि अदालत यह निर्णय ले सके कि संबंधित मामले में मृत्युदंड वांछित नहीं है।

न्यायमूर्ति यू. यू ललित की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने संभावित राहत देने वाली परिस्थितियों के संबंध में दिशा-निर्देशों पर अपना आदेश सुरक्षित रखा और कहा कि अदालतें उचित रूप से राहत के लिए सजा देने से पहले मामले को स्थगित कर सकती हैं।

न्यायमूर्ति ललित, न्यायमूर्ति एस. आर. भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, ‘‘मृत्युदंड अपरिवर्तनीय है इसलिए अभियुक्त को हर प्रकार के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए।’’

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर अपराध सिद्धांत (थ्योरी) के आधार पर अदालत इस नतीजे पर पहुंचती है कि मौत की सजा जरूरी नहीं है तो उसे उसी दिन उम्र कैद की सजा देने की आजादी होनी चाहिए।

भाषा देवेंद्र वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers