अहमदाबाद विमान दुर्घटना: मृतक के पिता ने मुआवजे के पैसे से बेटे की अंतिम इच्छा पूरी की
अहमदाबाद विमान दुर्घटना: मृतक के पिता ने मुआवजे के पैसे से बेटे की अंतिम इच्छा पूरी की
अहमदाबाद, 12 दिसंबर (भाषा) इस साल 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने और उसमें अपनी जान गंवाने वाले स्थानीय फिल्म निर्माता महेश जीरावाला ने अपने बीमार पिता से वादा किया था कि वह सारा कर्ज चुकाने के बाद परिवार के लिए एक घर खरीदेंगे।
दुर्घटना के छह महीने बाद उनके 61 वर्षीय पिता गिरधरभाई जीरावाला को लगता है कि मौत के बाद भी बेटे ने अपने वादे को पूरा किया क्योंकि उसकी मौत के बाद मिले 1.29 करोड़ रुपये से कर्ज भरने के बाद परिवार घर खरीद सका।
महेश जीरावाला (34) उन 260 लोगों में से एक थे जिनकी इस साल 12 जून को सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद एअर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से मौत हो गई थी। यह विमान लंदन गैटविक जा रहा था।
मृतकों में विमान सवार 241 यात्री और जमीन पर मौजूद 19 लोग शामिल थे। शहर के नरोदा इलाके में रहने वाले महेश जीरावाला जमीन पर मौजूद उन 19 लोगों में से एक थे जिनकी मौत हो गई।
वह मेघानी नगर इलाके में हॉस्टल के पास एक सड़क से गुजर रहे थे तभी दुर्घटनाग्रस्त विमान की चपेट में आ गए।
जब यह घटना घटी तो उनके पिता गिरधरभाई (अब सेवानिवृत्त) नरोदा में अपने किराए के घर में बिस्तर पर आराम कर रहे थे क्योंकि उन्हें लगभग दो सप्ताह पहले दिल का दौरा पड़ा था।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक हीरा को पॉलिश करने की इकाई में काम करता था। विमान दुर्घटना से लगभग दो सप्ताह पहले जब मुझे दिल का दौरा पड़ा तो महेश ने मुझे सेवानिवृत्त होकर घर पर रहने के लिए कहा। महेश ने मुझसे वादा किया कि वह दिवाली से पहले सारा कर्ज चुका देगा और अपना घर खरीद लेगा, क्योंकि उसे अपने हाल के कामों से अच्छी आमदनी की उम्मीद थी।’’
जब यह दुर्घटना हुई तब छह लोगों का यह परिवार शहर के नरोदा इलाके में एक किराए के मकान में रहता था जिनमें महेश, उसकी पत्नी हेतल, गिरधरभाई और उनकी पत्नी के साथ-साथ महेश का छोटा भाई कार्तिक और उसकी पांच वर्षीय बेटी शामिल थे।
गिरधरभाई ने बताया कि महेश ने दुर्घटना से महज तीन महीने पहले हेतल से शादी की थी। उन्होंने यह भी बताया कि कार्तिक ने उससे कुछ समय पहले अपनी पत्नी को तलाक दे दिया था।
इस घटना के बाद एअर इंडिया और उसकी मूल कंपनी टाटा समूह ने जीरावाला परिवार को 1.25 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने हेतल को मुआवजे के रूप में चार लाख रुपये दिये।
गिरधरभाई ने कहा, ‘‘हमें जो 1.29 करोड़ रुपये मिले उनमें से हेतल 54 लाख रुपये लेकर अपने माता-पिता के घर चली गई। हमारे पास बचे 75 लाख रुपये में से मैंने 15 लाख रुपये का कर्ज चुकाया और 45 लाख रुपये में घर खरीदकर अपने बेटे की इच्छा पूरी की। मैंने 10 लाख रुपये फर्नीचर पर खर्च किए और पांच लाख रुपये कार्तिक की बेटी के लिए अलग रख दिए।’’
उन्होंने कहा कि महेश ने कार्तिक की बेटी के छह साल की होने पर उसे कानूनी रूप से गोद लेने की योजना बनाई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘अब मेरे पास उस 75 लाख रुपये में से कुछ भी नहीं बचा है, लेकिन मुझे खुशी है कि मृत्यु के बाद भी मेरे बेटे ने अपने परिवार के लिए सम्मान सुनिश्चित किया क्योंकि मैं अपनी सेहत के कारण अब काम करने में असमर्थ हूं और हम वर्तमान में कार्तिक की 20,000 रुपये प्रति माह की आय पर निर्भर हैं।’’
भाषा
शुभम धीरज
धीरज

Facebook



