विशिष्ट परियोजनाओं में तैनाती के लिए अधिकारियों की पहचान के वास्ते एआई का उपयोग करना चाहिए : मंत्री |

विशिष्ट परियोजनाओं में तैनाती के लिए अधिकारियों की पहचान के वास्ते एआई का उपयोग करना चाहिए : मंत्री

विशिष्ट परियोजनाओं में तैनाती के लिए अधिकारियों की पहचान के वास्ते एआई का उपयोग करना चाहिए : मंत्री

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Modified Date: May 19, 2025 / 07:59 PM IST
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Published Date: May 19, 2025 7:59 pm IST

नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को सुझाव दिया कि विशिष्ट क्षेत्रों और लक्षित सरकारी परियोजनाओं में तैनाती के लिए आईएएस अधिकारियों की पहचान करने के वास्ते कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग किया जाना चाहिए।

मंत्री सिंह का यह प्रस्ताव एक कार्यक्रम के दौरान आया, जिसमें उन्होंने ई-बुक के रूप में इलेक्ट्रॉनिक सिविल सूची, 2025 जारी की। यह देशभर में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों का एक डिजिटल संग्रह है।

सिंह ने ई-बुक का विमोचन करते हुए कहा कि आईएएस भारत के संघीय शासन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने ई-सिविल सूची को पारदर्शिता के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बताया।

कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने ई-सिविल सूची में एआई-आधारित खोज विकल्प का प्रस्ताव रखा।

कार्मिक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि इस संवर्द्धन से विशिष्ट क्षेत्रों और लक्षित सरकारी परियोजनाओं के लिए उपयुक्त अधिकारियों की पहचान करने में मदद मिल सकती है, जबकि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी सुविधाओं तक पहुंच उचित रूप से सीमित रहे।

मंत्री ने डिजिटल सूची की प्रासंगिकता और उपयोगिता बनाए रखने के लिए इसे नियमित रूप से अद्यतन करने के महत्व पर जोर भी दिया।

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा प्रकाशित ई-बुक में आईएएस अधिकारियों के बारे में विस्तृत जानकारी है। इसमें उनका नाम, बैच, कैडर, वर्तमान तैनाती, वेतन स्तर, शैक्षिक योग्यता और सेवानिवृत्ति की तारीखें शामिल हैं – जैसा कि एक जनवरी को अद्यतन किया गया है।

इसमें कैडर-वार संख्या, अगले पांच वर्षों में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों की संख्या तथा 1969 के बाद से नियुक्ति के आंकड़े भी दिए गए हैं।

बयान में कहा गया है कि पहली बार अधिकारियों की तस्वीरें डिजिटल दस्तावेज में शामिल की गई हैं।

सिंह ने कहा, ‘‘सिविल सूची न केवल प्रशासकों और निर्णयकर्ताओं के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन है।’ उन्होंने कहा कि यह कदम डिजिटल शासन के लिए केंद्र के व्यापक प्रयास को दर्शाता है।

बयान में कहा गया है कि ‘हार्ड कॉपी’ की छपाई बंद करके विभाग सरकारी व्यय में भी बचत कर रहा है तथा पर्यावरण अनुकूल शासन पद्धतियों में योगदान भी दे रहा है।

ई-बुक सिविल सूची, 2025 अब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की वेबसाइट पर जनता के लिए उपलब्ध है।

भाषा अमित रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)