Asaduddin Owaisi on Article 370: अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कहा – ‘इसका नुकसान सबसे ज़्यादा..’
Asaduddin Owaisi on Article 370: अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से संतुष्ट नहीं असदुद्दीन ओवैसी, कहा - 'इसका नुकसान सबसे ज़्यादा..'
Asaduddin Owaisi on New Criminal Laws
AIMIM chief Asaduddin Owaisi on Article 370: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक रूप से सही ठहराया है। वहीं, इस फैसले पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। अपने बयान में वे कहते नजर आ रहे हैं, कि “हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं है… कश्मीर हमेशा से भारत का एक अटूट हिस्सा रहा है। अब आने वाले दिनों में भाजपा को कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई के केंद्र शाषित प्रदेश बनाने से कोई नहीं रोक सकेगा। इसका नुकसान सबसे ज़्यादा डोगरा और लद्दाख के बुद्धिस्ट को होगा।”
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अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। आर्टिकल 370 को निरस्त करने के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने आर्टिकल 370 लगाने को अस्थायी बताते हुए इस हटाने का बरकरार रखा।
#WATCH सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को संवैधानिक रूप से वैध ठहराया।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं है… कश्मीर हमेशा से भारत का एक अटूट हिस्सा रहा है… अब आने वाले दिनों में भाजपा को कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और… pic.twitter.com/DS0MbvzYj1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2023
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अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें
- सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2018 में जम्मू-कश्मीर में लगाए गए राष्ट्रपति शासन की वैधता पर फैसला देने से इनकार कर दिया।
- SC ने कहा कि इसे याचिकाकर्ता द्वारा विशेष रूप से चुनौती नहीं दी गई थी।
- सीजेआई ने कहा, जब राष्ट्रपति शासन लागू होता है तो राज्यों में संघ की शक्तियों पर सीमाएं होती हैं।
- अनुच्छेद 356 के तहत शक्ति के प्रयोग की उचित वजह होनी चाहिए।
- सीजेआई ने कहा कि हमारा मानना है कि राज्य की ओर से संघ की प्रत्येक कार्रवाई से राज्य का प्रशासन ठप हो जाएगा।
- सीजेआई ने कहा, संवैधानिक व्यवस्था ने यह संकेत नहीं दिया कि जम्मू-कश्मीर ने संप्रभुता बरकरार रखी है।
- जम्मू-कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग बन गया, यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 और 370 से स्पष्ट है।
- सीजेआई ने कहा, कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है।
- CJI ने कहा- अनुच्छेद 370 (3) के तहत राष्ट्रपति की अधिसूचना जारी करने की शक्ति कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त हो जाता है, जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के विघटन के बाद भी कायम रहती है।
- सीजेआई ने कहा, कि केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को बरकरार रखा गया है क्योंकि अनुच्छेद 3 राज्य के एक हिस्से को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की अनुमति देता है।

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