नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर एयर प्यूरीफायर पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटाने की मांग कर रही याचिका पर शुक्रवार को केंद्र को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति विकास महाजन और न्यायमूर्ति विनोद कुमार की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र सरकार को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए नौ जनवरी की तारीख तय की।
केंद्र के वकील ने अदालत को बताया कि जीएसटी परिषद की बैठक होनी है और यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित करना संभव नहीं है।
केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमण ने विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।
अदालत उस जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र सरकार को एयर प्यूरीफायर को ‘चिकित्सा उपकरण’ की श्रेणी में रखने और वस्तु एवं सेवा कर घटाकर पांच प्रतिशत करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। वर्तमान में एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत कर है।
अधिवक्ता कपिल मदन द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न ‘अत्यंत आपातकालीन संकट’ को देखते हुए, एयर प्यूरीफायर को विलासिता की वस्तु नहीं माना जा सकता है।
उच्च न्यायालय ने 24 दिसंबर को जीएसटी परिषद को जल्द से जल्द बैठक करने और एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी कम करने या समाप्त करने पर विचार करने का निर्देश दिया था।
मामले को आज अदालत को यह बताने के लिए सूचीबद्ध किया गया था कि परिषद की बैठक कब हो सकती है और क्या भौतिक रूप से बैठक न होने पर वर्चुअल रूप से बैठक करना संभव है।
भाषा शोभना मनीषा
मनीषा