अमित शाह ने राज्य पुलिस में समान एटीएस ढांचा, मजबूत आतंकवाद रोधी ग्रिड का आह्वान किया

अमित शाह ने राज्य पुलिस में समान एटीएस ढांचा, मजबूत आतंकवाद रोधी ग्रिड का आह्वान किया

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  • Publish Date - December 27, 2025 / 12:09 AM IST,
    Updated On - December 27, 2025 / 12:09 AM IST

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि देशभर में पुलिस बल के लिए एक समान एटीएस (आतंक रोधी दस्ता) ढांचा तथा सतर्क, त्वरित और परिणामोन्मुख कार्रवाई में सक्षम एवं मजबूत आतंकवाद-रोधी ग्रिड, आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए “हर स्तर पर एकरूप तैयारी” के लिहाज से आवश्यक हैं।

शाह ने यह बात राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की ओर से आयोजित ‘आतंक रोधी सम्मेलन-2025’ का उद्घाटन करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने दो डेटाबेस की शुरुआत की। दोनों डेटाबेस तैयार करने में एनआईए ने मदद की है। इनका इस्तेमाल देशभर की कानून प्रवर्तन एजेंसियां करेंगी।

गृह मंत्री ने कहा कि संगठित अपराध पर चौतरफा कार्रवाई करने के लिए आने वाले दिनों में एक नयी योजना लाई जाएगी और ये डेटाबेस “आतंक को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति” के एक प्रमुख संसाधन बनेंगे।

शाह ने संगठित अपराधियों और आतंकवादियों के बीच संबंधों को रेखांकित किया। इस सम्मेलन में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और बंडी संजय कुमार, केंद्रीय गृह सचिव, खुफिया इकाई रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के सचिव, एनआईए के महानिदेशक तथा राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

शाह ने कहा कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के दृष्टिकोण के तहत, वार्षिक सम्मेलन उभरते खतरों से निपटने के लिए एक मंच बन गया है।

उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से कई महत्वपूर्ण बिंदु सामने आते हैं और एनआईए राज्यों की सभी संबंधित एजेंसियों के साथ, उन्हें लागू करने के लिए पूरे साल काम करती है।

शाह ने कहा, ‘‘संगठित अपराध गिरोह शुरू में फिरौती और जबरन वसूली के मकसद से काम करते हैं, लेकिन जब उनके नेता विदेश भाग जाते हैं और वहां बस जाते हैं, तो वे अपने आप आतंकवादी संगठनों के संपर्क में आ जाते हैं और फिर फिरौती और जबरन वसूली से मिले पैसे का इस्तेमाल देश के अंदर आतंकवाद फैलाने के लिए करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि हर राज्य को एनआईए और सीबीआई के मार्गदर्शन और आईबी के सहयोग से इस डेटाबेस का इस्तेमाल करके, अपने अधिकार क्षेत्र में ऐसे गिरोहों को खत्म करना चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि डीजीपी सम्मेलन, सुरक्षा रणनीति सम्मेलन, मादक पदार्थ (नशे से जुड़े अपराध) नियंत्रण संबंधी राष्ट्रीय समन्वय प्रणाली से जुड़ी बैठक और आतंकवाद रोधी सम्मेलन के बीच तालमेल, सहयोग और संचार का एक नया मानक विकसित किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इन चार स्तंभों को अलग-अलग नहीं देख सकते; आतंकवाद रोधी सम्मेलन एक साझा धागे की तरह इन सभी से जुड़ा हुआ है।’’

शाह ने कहा कि सभी राज्यों की एटीएस इकाइयों को खुफिया जानकारी साझा करने वाले प्लेटफॉर्म-निदान और नेटग्रिड का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामलों की जांच अलग-अलग नहीं की जाए और उनके बीच की अदृश्य कड़ी को प्रकाश में लाया जा सके।

गृह मंत्री ने मल्टी एजेंसी सेंटर और नेशनल मेमोरी बैंक में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा, “समान एटीएस ढांचा और परिचालन एकरूपता हमें आतंकवादियों पर मुकदमा चलाने में लाभ देती है। जब तक हम परिचालन एकरूपता हासिल नहीं कर लेते, हम खतरों का सटीक आकलन नहीं कर सकते, साझा की गई खुफिया जानकारी का उचित इस्तेमाल नहीं कर सकते या समन्वित जवाबी कार्रवाई नहीं कर सकते।”

भाषा आशीष पारुल

पारुल