अमृतपाल को उसी गांव से गिरफ्तार किया गया, जहां उसे 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बनाया गया था |

अमृतपाल को उसी गांव से गिरफ्तार किया गया, जहां उसे ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बनाया गया था

अमृतपाल को उसी गांव से गिरफ्तार किया गया, जहां उसे 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख बनाया गया था

:   Modified Date:  April 23, 2023 / 05:55 PM IST, Published Date : April 23, 2023/5:55 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

चंडीगढ़, 23 अप्रैल (भाषा) खालिस्तान समर्थक अलगाववादी अमृतपाल सिंह को पंजाब में मोगा के रोडे़ गांव में लगभग सात महीने पहले आयोजित एक कार्यक्रम में संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख नियुक्त किया गया था।

इस संगठन की स्थापना अभिनेता एवं कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा की गई थी। दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी।

रोडे़ गांव में ‘दस्तार बंदी’ (पगड़ी बांधना) कार्यक्रम में 29 सितंबर, 2022 को अमृतपाल सिंह को ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख नियुक्त किया गया था। रोडे़ मृतक आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है।

अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में अजनाला में सैकड़ों हथियारबंद लोगों द्वारा एक थाने में घुसने की घटना के केंद्र में रहा 29 वर्षीय अमृतपाल वह नाम है जिसने केंद्र और राज्य, दोनों सरकार को निशाने पर लिया।

अमृतपाल को मोगा जिले में रोडे़ गांव से रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। वह एक महीने से अधिक समय से फरार था।

पुलिस ने कहा कि अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ में एक जेल भेज दिया गया।

एक पुलिस अधिकारी ने एक वीडियो में अमृतपाल द्वारा किए गए दावे को खारिज किया। सोशल मीडिया पर आए इस वीडियो में अमृतपाल ने आत्मसमर्पण करने का दावा किया था।

वीडियो में अमृतपाल को यह कहते सुना जा सकता है, ‘‘ईश्वर की अदालत में मैं दोषी नहीं हूं, लेकिन दुनिया की अदालत में मैं दोषी हो सकता हूं।’’

रविवार को अमृतपाल का एक और वीडियो सामने आया, जिसमें उसे भिंडरावाले की एक तस्वीर के सामने सिर झुकाते देखा जा सकता है।

अमृतपाल, भिंडरावाले की तरह कपड़े पहनता है। वह सफेद चोला और गहरे नीले रंग की पगड़ी पहने तथा अक्सर हथियारबंद समर्थकों के साथ घिरा रहता था और उग्र भाषण देता था।

गत 18 मार्च को पंजाब पुलिस ने अमृतपाल तथा उसके साथियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। जालंधर में उसका काफिला रोका गया, लेकिन वह वाहन बदलकर पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया था।

अमृतपाल की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने उसके अहम सहयोगी पपलप्रीत सिंह और जोगा सिंह को गिरफ्तार किया था।

इससे पहले अमृतपाल सिंह अपने परिवार के ट्रांसपोर्ट के कारोबार में काम करता था। सिंह को उस संगठन का प्रमुख बनाया गया जिसे सिद्धू ने ‘‘पंजाब के अधिकारों की रक्षा करने और सामाजिक मुद्दों को उठाने के’’ नाम पर बनाया था।

भिंडरावाले का अनुयायी होने का दावा करने वाले अमृतपाल सिंह अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। वह मारे गए आतंकी भिंडरावाले की तरह हथियारबंद लोगों के साथ घूमता है। अमृतपाल के कुछ समर्थक उसे भिंडरावाले का दूसरा संस्करण कहते हैं।

सिंह ने फरवरी में अपने पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में एक सादे समारोह में ब्रिटेन में रहने वाली अनिवासी भारतीय (एनआरआई) किरणदीप कौर से शादी की थी।

पुलिस द्वारा गत 28 मार्च को पीछा किए जाने के बाद कुछ संदिग्धों द्वारा एक वाहन छोड़कर जाने के बाद होशियारपुर में अमृतपाल को पकड़ने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया गया था।

फरार होने के दौरान सोशल मीडिया मंच पर सिंह के दो वीडियो और एक ऑडियो क्लिप सामने आए थे। उनमें से एक क्लिप में, उसने अकाल तख्त ‘जत्थेदार’ से सिखों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ‘सरबत खालसा’ बैठक बुलाने का आग्रह किया था और समुदाय के सदस्यों से बड़ी संख्या में इसमें भाग लेने के लिए कहा था।

अमृतसर ग्रामीण के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतिंदर सिंह के एक हलफनामे के अनुसार अमृतपाल ‘‘खालिस्तान’’ नाम से एक अलग राष्ट्र बनाने के वास्ते राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए सक्रिय रूप से शामिल है।

यह हलफनामा मार्च में यहां पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में दाखिल किया गया था।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)