दिल्ली में अतिक्रमण विरोधी एक और अभियान शुरू, एसडीएमसी के अधिकार क्षेत्र वाले इलाके में चला बुलडोजर

दिल्ली में अतिक्रमण विरोधी एक और अभियान शुरू, एसडीएमसी के अधिकार क्षेत्र वाले इलाके में चला बुलडोजर

दिल्ली में अतिक्रमण विरोधी एक और अभियान शुरू, एसडीएमसी के अधिकार क्षेत्र वाले इलाके में चला बुलडोजर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 pm IST
Published Date: May 4, 2022 3:17 pm IST

नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने बुधवार को अतिक्रमण विरोधी एक अभियान शुरू किया। एसडीएमसी की यह कार्रवाई शाहीन बाग सहित उसके अधिकार क्षेत्र वाले इलाकों में अवैध निर्माण हटाने की दस दिन की कार्य योजना का हिस्सा है।

एसडीएमसी के अध्यक्ष, मध्य जोन, राजपाल सिंह ने बताया कि अभियान में बुलडोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है और यह अभियान संगम विहार इलाके के एमबी रोड पर करणी सिंह शूटिंग रेंज से शुरू हुआ तथा यह अलग अलग इलाकों में 13 मई तक चलेगा।

उन्होंने कहा कि यह अभियान शाहीन बाग मुख्य सड़क, कालिंदी कुंज, एमबी रोड, मेहरचंद मार्केट, श्रीनिवास पुरी और खाड़ा कॉलोनी में चलाया जाएगा।

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सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हमने शाहीन बाग सहित इन इलाकों से अतिक्रमण हटाने के लिए दस दिन की कार्य योजना तैयार की है। हमने अभियान चलाने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी उपलब्ध कराए जाने की भी मांग की है। हम शाहीन बाग में नौ मई को अभियान चलाएंगे।’’

उन्होंने कहा कि कालिंदी कुंज और श्रीनिवास पुरी में पांच और छह मई को अतिक्रमण हटाया जाएगा। दस मई को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के पास गुरुद्वारा रोड के समीप अभियान चलाया जाएगा। मेहरचंद मार्केट, साईं बाबा मंदिर के पास लोधी कॉलोनी में और जेएलएन मेट्रो स्टेशन के पास 11 मई को अभियान चलाया जाएगा।

एसडीएमसी के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘ यह अतिक्रमण हटाने की हमारी नियमित योजना है। समस्त कार्रवाई पुलिस बल की उपलब्धता पर भी निर्भर करेगी।’’

गौरतलब है कि शाहीन बाग एसडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आता है और इस इलाके में दिसंबर 2019 में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में लंबे समय तक धरना – प्रदर्शन चला था। यह धरना – प्रदर्शन कोविड महामारी के फैलने के बाद मार्च 2020 में समाप्त हुआ था।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के चार दिन बाद अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया था जिसकी व्यापक आलोचना हुई थी। उच्चतम न्यायालय ने एनडीएमसी को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।

भाषा

शोभना मनीषा

मनीषा


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