राजग में फूट डालने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी : अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानीस्वामी

राजग में फूट डालने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी : अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानीस्वामी

राजग में फूट डालने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी : अन्नाद्रमुक प्रमुख पलानीस्वामी
Modified Date: July 16, 2025 / 03:42 pm IST
Published Date: July 16, 2025 3:42 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

कुड्डालोर(तमिलनाडु), 16 जुलाई (भाषा) ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) प्रमुख एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने बुधवार को यहां कहा कि तमिलनाडु में पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अटूट है और भाजपा समेत इसके घटक दलों के बीच फूट डालने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन के संबंध में उनका निर्णय अंतिम होगा।

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विधानसभा में विपक्ष के नेता ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के ‘उंगलुदन स्टालिन’ संपर्क कार्यक्रम की भी आलोचना की और इसे एक ‘‘नाटक’’ बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले तमिलनाडु के लोगों को ‘‘गुमराह’’ करना है।

पलानीस्वामी ने पूछा कि इस सरकार के बचे हुए आठ महीनों में लोग अपने मुद्दों के क्या ही समाधान की उम्मीद कर सकते हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अगले साल राज्य में राजग के चुनाव जीतने पर गठबंधन सरकार बनाने संबंधी कथित टिप्पणी के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए, पलानीस्वामी ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता ने केवल इतना कहा कि गठबंधन सत्ता में आएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनका कहना है कि हमारा गठबंधन सरकार बनाएगा। मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है — इस गठबंधन का नेतृत्व कौन कर रहा है? तो यह मेरा फैसला है, है ना? कौन मुख्यमंत्री बनेगा, कौन सरकार बनाएगा – हम दोनों (शाह और मैं) यह स्पष्ट कर चुके हैं।’’

यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अन्नाद्रमुक राज्य में राजग का नेतृत्व करेगा और अगर गठबंधन विजयी होता है तो वह मुख्यमंत्री बनेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन में फूट डालने की कोई भी कोशिश सफल नहीं होगी। यह एक अटूट गठबंधन है।’’

पलानीस्वामी ने दावा किया कि द्रमुक को यह उम्मीद नहीं थी कि अन्नाद्रमुक गठबंधन करेगा और इसलिए वह ‘‘डर के कारण’’ विपक्षी गठजोड़ की आलोचना कर रहा है।

उन्होंने याद दिलाया कि द्रमुक ने अतीत में भाजपा के साथ गठबंधन किया था और सवाल किया कि क्या द्रविड़ पार्टी का तब ऐसा करना स्वीकार्य था, लेकिन अब अन्नाद्रमुक ने जब भाजपा के साथ गठबंधन किया है तो वह भाजपा को ‘‘सांप्रदायिक’’ बता रही है।

भाषा सुभाष नोमान

नोमान


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