धर्म परिवर्तन निरोधी अध्यादेश के खिलाफ बहस में शामिल होने की अर्जी स्वीकृत

धर्म परिवर्तन निरोधी अध्यादेश के खिलाफ बहस में शामिल होने की अर्जी स्वीकृत

धर्म परिवर्तन निरोधी अध्यादेश के खिलाफ बहस में शामिल होने की अर्जी स्वीकृत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:28 pm IST
Published Date: January 19, 2021 1:59 pm IST

प्रयागराज, 19 जनवरी (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश गैर कानूनी धर्म परिवर्तन निरोधी अध्यादेश, 2020 को चुनौती देने के मामले में बहस में शामिल होने की लखनऊ स्थित एक महिला अधिकार संगठन की हस्तक्षेप अर्जी सोमवार को स्वीकार कर ली। इस संस्था का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने किया।

मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने सौरभ कुमार नाम के व्यक्ति द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

हस्तक्षेप का आवेदन स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा, यह आवेदन एसोसिएशन फॉर एडवोकेसी एंड लीगल इनिशिएटिव की ओर से इसकी प्रबंधकीय न्यासी सुश्री तूलिका श्रीवास्तव द्वारा पेश किया गया जिसमें मुकदमे की सुनवाई में शामिल होने का अनुरोध किया गया था। यह आवेदन स्वीकार किया जाता है।

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राज्य सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष इस याचिका और इसी प्रकृति की सभी याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए मंगाने के संबंध में एक आवेदन दाखिल किया गया है।

अदालत ने कहा कि उक्त बयान को देखते हुए इस रिट याचिका पर सुनवाई टालना उचित प्रतीत होता है। इसी तरह की अन्य याचिकाओं के साथ इस याचिका पर अंतिम सुनवाई 25 जनवरी, 2021 को की जाएगी।

भाषा राजेंद्र

प्रशांत माधव

माधव


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