मुंबई में एलफिंस्टन ब्रिज हादसे के बाद आलोचना का शिकार बनी रेलवे और महाराष्ट्र सरकार ने अब इस फुटओवर ब्रिज समेत दो अन्य फुटओवर ब्रिजों के निर्माण का काम सेना को सौंप दिया है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की मौजूदगी में इस फैसले का ऐलान किया गया। देवेंद्र फड़णवीस ने जानकारी दी कि 3 महीने में आर्मी तीन फुटओवर ब्रिज बनाएगी। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एलफिंस्टन हादसा भयावह था, इसलिए सेना को सिविल वर्क के लिए बुलाया गया है।
देखें ट्वीट—
Indian Army has always been very helpful to not just us but society at large and I am very thankful to #RakshaMantri @nsitharaman ji & Railway Minister @PiyushGoyal ji for this huge help to bring ease in Mumbaikars’ life : CM @Dev_Fadnavis pic.twitter.com/kzVFf9fEdL
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) October 31, 2017
Indian Army in service of common people : Army engineers will build the Foot Over Bridges in Mumbai within 3 months #MumbaiThanksArmy pic.twitter.com/ZH6yO6WCmV
— NarendraModi App (@NamoApp) October 31, 2017
इसके बाद ट्वीटर पर MumbaiThanksArmy हैशटैग ट्रेंड भी करने लगा, लेकिन विपक्ष इस फैसले पर सरकार को थैंक्स कहने के मूड में नहीं नज़र आ रहा।
कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने बीजेपी-शिवसेना पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि फुटओवर ब्रिज के लिए आर्मी को बुलाना महाराष्ट्र सरकार की नाकामी की पोल खोल रहा है। निरुपम ने सेना के उपकरण अनिल अंबानी बनाएँगे और बेचारी सेना, रेलवे के पुल बनाएगी। वाह ! सचमुच देश बदल रहा है।
देखें संजय निरुपम का ट्वीट-
सेना के उपकरण अनिल अंबानी बनाएँगे
और बेचारी सेना, रेलवे के पुल बनाएगी।
वाह ! सचमुच देश बदल रहा है।— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) October 31, 2017
पंजाब के मुख्यमंत्री और खुद सेना में रह चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सेना का काम सैनिकों को तैयार करना है इसलिए बेहतर है कि सैनिकों को असैनिक कार्यों से दूर रखा जाए। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लगातार दो ट्वीट किए और 1962 की याद दिलाते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय के संसाधनों का इस्तेमाल सिविलियन कार्यों में करने से बचा जाना चाहिए।
देखें ट्वीट–
The @adgpi job is to train for war, not to be used for civilian works @nsitharaman ji. Don’t divert defence resources to civilian jobs(1/2).
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) October 31, 2017
You’re doing what General Kaul did with the 4th Div before 1962 war with China. It will set a very bad precedent. Pls avoid. (2/2)
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) October 31, 2017
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी महाराष्ट्र सरकार परहमला करते हुए कहा कि सेना आखिरी विकल्प होती है, जिसे इमरजेंसी के हालात पैदा होने पर बुलाया जाता है। यहां स्थितियां दूसरी हो गई हैं यहां पहले नंबर पर स्पीड डायल के तौर पर बुला लिया गया।
देखें ट्वीट-
The army was to be a measure of last resort to be called upon in extreme emergency. Now it seems like it’s the 1st number on the speed dial. https://t.co/9e9hJOgDTY
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 31, 2017
वेब डेस्क, IBC24