(वर्षा सागी)
नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में इस साल 15 दिसंबर तक कुल 23,340 लोगों की गुमशुदगी की शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिनमें से 60 प्रतिशत से अधिक शिकायतें महिलाओं से जुड़ी हुई हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों से यह खुलासा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक, लापता व्यक्तियों में 14,166 महिलाएं (लगभग 61 प्रतिशत) और 9,174 पुरुष (39 प्रतिशत) शामिल हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 2025 में गुमशुदा हुए 14,3895 लोगों का पता लगा लिया गया, जिनमें 8,672 महिलाएं (60 प्रतिशत) और 5,713 पुरुष (40 प्रतिशत) शामिल थे।
पुलिस के अनुसार, 8,955 गुमशुदा लोगों के बारे में कोई सुराग नहीं मिल सका, जिनमें 5,494 महिलाएं (करीब 61 प्रतिशत)और 3,461 पुरुष (39 प्रतशित) शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि लापता होने वाले लोगों में वयस्कों की संख्या सबसे ज्यादा थी। उसने बताया कि 2025 में 18 साल से अधिक उम्र के कुल 17,623 वयस्कों की गुमशुदगी की शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिनमें 10,020 महिलाएं (लगभग 57 प्रतिशत) और 7,603 पुरुष (लगभग 43 प्रतिशत) शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, गुमशुदा वयस्कों में से 10,173 का पता लगा लिया गया, जिनमें 5,653 महिलाएं और 4,520 पुरुष शामिल हैं, जबकि 4,367 महिलाओं सहित कुल 7,450 लोग अब भी लापता हैं।
पुलिस के अनुसार, 2025 में लापता हुए कुल लोगों में 5,717 बच्चे शामिल थे, जिनमें से 73 फीसदी (4,146) लड़कियां और 27 प्रतिशत (1,571) लड़के थे।
पुलिस ने बताया कि गुमशुदा बच्चों में से 4,212 का पता लगा लिया गया, जिनमें 3,019 लड़कियां और 1,193 लड़के शामिल हैं।
उसने कहा कि 1,505 बच्चे अब भी लापता हैं, जिनमें 1,127 लड़कियां और 378 लड़के शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस के दशकीय विश्लेषण के मुताबिक, 2015 से 2025 तक राष्ट्रीय राजधानी में 2.5 लाख लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी, जिनमें से 2.1 लाख का पता लगा लिया गया, जबकि लगभग 54,000 मामले अब भी अनसुलझे हैं।
भाषा
धीरज पारुल
पारुल