निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो सकता है ‘असानी’, पूर्वी तट पर होगी भारी वर्षा |

निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो सकता है ‘असानी’, पूर्वी तट पर होगी भारी वर्षा

निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो सकता है ‘असानी’, पूर्वी तट पर होगी भारी वर्षा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : May 11, 2022/10:26 pm IST

भुवनेश्वर/कोलकाता, 11 मई (भाषा) भीषण चक्रवात ‘असानी’ बुधवार को कमजोर होकर एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होकर उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहा है जिससे ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। यह जानकारी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दी।

विभाग के अनुसार, चक्रवात के बृहस्पतिवार तक और कमजोर पड़ने और एक निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अपने राष्ट्रीय बुलेटिन में बताया, ‘‘ इसके अगले कुछ घंटों में उत्तर की ओर बढ़ने की काफी संभावना है। बुधवार को दोपहर से शाम के बीच इसके एक बार फिर जोर पकड़ने और नरसापुर, यानम, काकीनाड़ा, तुनी तथा विशाखापत्तनम तटों के साथ उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर धीरे-धीरे बढ़ने और रात में उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों से पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में समा जाने की संभावना है।’’

ओडिशा सरकार ने कहा कि इस स्थिति में, कुछ दक्षिणी जिलों में भारी वर्षा को छोड़कर राज्य पर इसका कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

ओडिशा सरकार ने पांच दक्षिणी जिलों मलकानगिरि, कोरापुट, रायगढ़ा, गंजाम और गजपति में ‘‘हाई अलर्ट’’ की घोषणा की है। इन इलाकों में चक्रवात का असर दिखने की आशंका है।

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने कहा, ‘‘ओडिशा पर इसका ज्यादा असर होने की संभावना नहीं है। इसके बुधवार रात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और नरसापुर के बीच टकराने की संभावना है।’’

भुवनेश्वर में आईएमडी के महाननिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि जब चक्रवाती तूफान टकराएगा तो दक्षिणी ओडिशा में 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। उन्होंने कहा कि मछुआरे 12 मई तक समुद्र में न जाएं।

क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, मलकानगिरि, कोरापुट, रायगढ़ा, कालाहांडी, गंजाम, गजपति, कंधमाल, नयागढ़, खुर्दा, पुरी, कटक और भुवनेश्वर में हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ छींटे पड़े।

जेना ने बताया कि राज्य में उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर ‘ओडिशा आपदा त्वरित कार्य बल’ (ओडीआरएएफ) की 60 इकाइयों और दमकल कर्मियों के 132 दलों को तैनात किया गया है।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बताया कि उसने प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए कुल 50 दलों का गठन किया है।

एनडीआरएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि 50 में से 22 दलों को पश्विम बंगाल, ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश में जमीनी स्तर पर तैनात किया गया है, जबकि अन्य 28 दलों को इन्हीं राज्यों में तैयार रहने को कहा गया है।

इस बीच, कोलकाता में मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि चक्रवात से पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।

विभाग ने कहा, ‘‘बहस्पतिवार सुबह तक गंगीय पश्चिम बंगाल के पूर्वी और पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना और नदिया जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।’’

विभाग के अनुसार, कोलकाता में सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे में 44.8 मिमी बारिश हुई।

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में समुद्र में बुधवार शाम तक काफी हलचल रहने और उसके बाद बृहस्पतिवार को उसी क्षेत्र में स्थिति बेहद खराब रहने का पूर्वानुमान है। मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक क्षेत्र से दूर रहने को कहा गया है। उसने कहा कि इस तूफान से आंध्र प्रदेश के कृष्णा के निचले इलाकों, पूर्वी तथा पश्चिम गोदावरी जिलों और पुडुचेरी के यानम में ज्वार आ सकता है।

आईएमडी चक्रवाती तूफान पर नजर बनाए हुए है और सात मई से अभी तक 30 राष्ट्रीय बुलेटिन जारी कर चुका है और स्थानीय प्रशासन को तूफान के बारे में जानकारी और उससे निपटने के सुझाव दिये हैं।

भाषा अमित नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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