असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के स्थायी समाधान के लिये पूर्ण सीमांकन की जरूरत: भाजपा नेता |

असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के स्थायी समाधान के लिये पूर्ण सीमांकन की जरूरत: भाजपा नेता

असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के स्थायी समाधान के लिये पूर्ण सीमांकन की जरूरत: भाजपा नेता

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : July 27, 2021/6:14 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जुलाई (भाषा) भाजपा नेता, नगालैंड विधानसभा में विधायक व पार्टी के मिजोरम प्रभारी महोनलुमो किकॉन ने असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के स्थायी समाधान के लिये मंगलवार को पूर्ण सीमांकन की वकालत की।

उनकी यह टिप्पणी पूर्वोत्तर के इन दो राज्यों के बीच जारी सीमा विवाद के खूनी संघर्ष में बदलने पर असम पुलिस के कम से कम पांच कर्मियों के मारे जाने और एक एसपी सहित 60 से अधिक लोगों के घायल होने के एक दिन बाद आई है

किकॉन ने उम्मीद जताई कि जल्द ही संकट का समाधान निकाल लिया जाएगा।

विवाद के समाधान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति कायम होनी चाहिए। दोनों राज्यों के बीच बातचीत हो और उनकी सीमाओं का पूरी तरह से सीमांकन किया जाना चाहिए।

एक ओर असम में भाजपा सत्ता में है, तो दूसरी ओर मिजोरम में भाजपा के नेतृत्व वाले पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (नेडा) के गठबंधन साझेदार मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है।

पार्टी के सूत्रों ने कहा कि सहयोगी होने के नाते दोनों दलों को मामले को सुलझाने में मदद करनी चाहिए, लेकिन झड़प के बाद दोनों पक्षों के बीच बहुत अधिक भावनाएं उभर रही हैं। बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि केंद्र सरकार अपनी एजेंसी का उपयोग कैसे चीजों को शांत करने और दोनों राज्यों को एक टिकाऊ समाधान की ओर बढ़ाने के लिए करती है।

एक सूत्र ने बताया, ”दोनों राज्यों में सभी दलों ने क्षेत्रीय आधार पर अपनी स्थिति सख्त कर ली है।”

उन्होंने कहा कि यह संकट सोमवार को हिंसा में तब्दील होने से कुछ समय पहले से भड़क रहा था।

गृह मंत्री अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मिजोरम में उनके समकक्ष ज़ोरमथांगा से बात की है और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने का आग्रह किया है।

असम से लोकसभा सांसद बीजेपी महासचिव दिलीप सैकिया ने मंगलवार को कहा कि मिजोरम सरकार को पांच पुलिसकर्मियों की मौत के लिए असम सरकार और असम के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।

भाषा जोहेब उमा

उमा

 

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