Anti-Polygamy Bill 2025: एक गलती और फिर कभी नहीं मिल पाएगी सरकारी नौकरी!.. खुद CM ने कहा, लिमिट में करो ये काम.. बिल पास..

Assam Assembly Passes Strict Anti-Polygamy Bill 2025: बिल पेश किये जाने के दौरान इंडियन नेशनल कांग्रेस, AIUDF, CPI(M), और रायजोर दल कानून में कई संशोधनों की मांग करते हुए इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की।

Anti-Polygamy Bill 2025: एक गलती और फिर कभी नहीं मिल पाएगी सरकारी नौकरी!.. खुद CM ने कहा, लिमिट में करो ये काम.. बिल पास..

Assam Assembly Passes Strict Anti-Polygamy Bill 2025 || Image- Himanta Sarama Twitter File

Modified Date: November 28, 2025 / 12:48 pm IST
Published Date: November 28, 2025 10:58 am IST
HIGHLIGHTS
  • बिना तलाक दूसरी शादी अपराध
  • मौलवियों पर भारी जुर्माना
  • असम में सख्त बहुविवाह निषेध कानून

Assam Assembly Passes Strict Anti-Polygamy Bill 2025: गुवाहाटी: असम विधानसभा ने असम बहुविवाह निषेध बिल, 2025 पास कर दिया है। इस क़ानून का मकसद शादी की ज़िम्मेदारी को मज़बूत करना और महिलाओं को सामाजिक, वैवाहिक सुरक्षा प्रदान करना है। यह कानून देश में बहुविवाह के खिलाफ सबसे सख्त कानूनी ढाँचों में से एक माना जा रहा है।

Assam Assembly Polygamy Law Update: बिना तलाक दूसरी शादी कानूनन जुर्म

शीट सत्र के पहले दिन पेश किये गये इस बिल में शादी को कानूनी तौर पर खत्म किए बिना दूसरी शादी करने को कानूनन जुर्म माना गया है। इसमें पिछली शादी को छिपाने वाले लोगों को 10 साल तक की जेल और पहली शादी को खत्म किए बिना दूसरी शादी करने पर सात साल तक की जेल का प्रावधान है। बार-बार ऐसा करने वालों को कानून के तहत दोगुनी सज़ा भी मिलेगी।

Assam Polygamy Ban Legislation: मौलवियों पर 1.5 लाख रुपये तक का जुर्माना

Assam Assembly Passes Strict Anti-Polygamy Bill 2025: ऐसी शादियाँ कराने वाले धार्मिक मौलवियों पर 1.5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। वही जो लोग जानबूझकर अधिकारियों से जानकारी छिपाएंगे उन्हें दो साल तक की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। हालाँकि, यह कानून छठे शेड्यूल वाले इलाकों या राज्य के आदिवासी समुदायों पर लागू नहीं होगा।

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Anti-Polygamy Bill Passed Assam: बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग

बिल पेश किये जाने के दौरान इंडियन नेशनल कांग्रेस, AIUDF, CPI(M), और रायजोर दल कानून में कई संशोधनों की मांग करते हुए इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की। हालांकि कई घंटों की बहस और चर्चा के बाद, मुख्यमंत्री से कई मुद्दों पर आश्वासन मिलने के बाद कांग्रेस और रायजोर दल ने संशोधनों की अपनी मांग वापस ले ली, जबकि AIUDF और CPI(M) ने अपनी मांग वापस लेने से इनकार कर दिया।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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