असम के मुख्यमंत्री ने उल्फा (आई) से शांतिवार्ता के लिए आगे आने की अपील की
असम के मुख्यमंत्री ने उल्फा (आई) से शांतिवार्ता के लिए आगे आने की अपील की
गुवाहाटी, छह जुलाई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बृहस्पतिवार को उल्फा (स्वतंत्र) के प्रमुख परेश बरूआ से शांति वार्ता के लिए आगे आने की अपनी अपील दोहराते हुए कहा कि अबतक ऐसा नहीं करने वाला यह ‘एकमात्र’ उग्रवादी संगठन है।
शर्मा ने कहा कि उन्हें यकीन है कि उल्फा शांतिवार्ता के लिए शीघ्र ही कदम उठायेगा।
मुख्यमंत्री ने यहां आठ आदिवासी उग्रवादी संगठनों द्वारा हथियार सौंपने के समारोह में अपने संबोधन में कहा, ‘‘ उल्फा (आई) को छोड़कर सभी उग्रवादी संगठन शांति वार्ता के लिए आगे आये हैं तथा उन्होंने विभिन्न विवादों का निपटान किया है।’’
विभिन्न संगठनों के कुल 1182 सदस्यों ने बृहस्पतिवार को शर्मा के सामने औपचारिक रूप से अपने हथियार सौंपे। इन संगठनों ने केंद्र और असम सरकारों के साथ शांति समझौते किये थे।
शर्मा ने कहा, ‘‘ असम की नयी पीढ़ी समस्याओं के समाधान के लिए विकास पर ध्यान देती है तथा हम राज्य में युवाओं के सपने को साकार कर पाये हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ युवाओं को एक लाख सरकारी नौकरियां देने की हमारी कोशिश से उनका विश्वास बढ़ा है तथा सकारात्मकता का माहौल बना है।’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि असम के किसी भी हिस्से में जातीय हिंसा नहीं हई तथा सभी समुदायों के बीच सद्भाव का नया सेतु स्थापित किया गया है।
शर्मा ने कहा कि उन्हें ‘यकीन’ है कि शीघ्र ही उल्फा (आई) भी वार्ता की मेज पर बैठेगा और शांतिपूर्ण तरीके से इस राज्य की समस्याओं के समाधान की कोशिश करेगा।
मुख्यमंत्री ने 2021 में मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद उल्फा से वार्ता के लिए आगे आने की अपील की थी लेकिन इस दिशा में अधिक प्रगति नहीं हुई।
शर्मा कई मौकों पर कह चुके हैं कि उल्फा ‘सप्रभुता’ की बात करता है जिसर बतौर मुख्यमंत्री वह संवैधानिक रूप से चर्चा नहीं कर सकते।
भाषा राजकुमार माधव
माधव

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