गुवाहाटी, 30 मई (भाषा) पारंपरिक ‘मेखला चादर’ और आभूषणों से सजी असम की पहली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) वाली शिक्षिका ‘आइरिस’ ने गुवाहाटी के एक निजी स्कूल के छात्रों के सभी सवालों के तुरंत जवाब दिए।
स्कूल की एक शिक्षिका ने बताया कि मानव सदृश रोबोट से जब पूछा गया कि हीमोग्लोबिन क्या होता है तो उसने छात्रों को सभी विवरणों के साथ इसका जवाब दिया।
रॉयल ग्लोबल स्कूल की प्रवक्ता ने बताया, ‘चाहे सवाल उनके पाठ्यक्रम से संबंधित थे या किसी और विषय पर, ‘आइरिस’ ने उदाहरणों और संदर्भों के साथ तुरंत उनके जवाब दिए।’
उन्होंने कहा कि जिज्ञासु छात्र, रोबोट की विभिन्न गतिविधियों में उत्सुकता से शामिल थे।
बच्चों ने रोबोट से हाथ भी मिलाया तथा सीखने की प्रक्रिया मजेदार और आकर्षक रही।
स्कूल की शिक्षिका ने कहा, ‘बच्चे बहुत उत्साहित हैं क्योंकि एआई शिक्षक के पास उनके सवालों के जवाब हैं।’
रोबोट को नीति आयोग द्वारा शुरू की गई अटल टिंकरिंग लैब (एटीएल) परियोजना के तहत मेकरलैब्स एडु-टेक के सहयोग से विकसित किया गया है।
स्कूल की शिक्षिका ने कहा कि ‘आइरिस’ शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समाकलन में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
प्रवक्ता ने कहा कि निजी स्कूल पूर्वोत्तर क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा को व्यक्तिपरक तथा अधिक आकर्षक बनाने के लिए रोबोट की क्षमताओं का लाभ उठाने को तत्पर है।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश
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