औरंगाबाद का नाम परिवर्तन : न्यायालय ने याचिका खारिज की, विषय को सरकार के दायरे में बताया
औरंगाबाद का नाम परिवर्तन : न्यायालय ने याचिका खारिज की, विषय को सरकार के दायरे में बताया
नयी दिल्ली, पांच अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में औरंगाबाद शहर का नाम बदल कर छत्रपति संभाजी नगर करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका स्वीकार करने से बुधवार को इनकार करते हुए कहा कि यह मुद्दा सरकार के लोकतांत्रिक दायरे में आता है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने यह भी उल्लेख किया कि यह विषय बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।
पीठ ने कहा, ‘‘हम इस विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं। हमें यह पसंद हो या नहीं, लेकिन यह सरकार के लोकतांत्रिक (अधिकार) क्षेत्र में आता है। शहरों, सड़कों आदि का नाम चुनने वाले भला हम कौन होते हैं? यह निर्वाचित कार्यपालिका की शक्ति है।’’
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने दलील दी कि प्राधिकारी द्वारा जारी की गई अधिसूचना अब क्रियान्वित की जा रही है और तालुकाओं के नाम बदले जा रहे हैं।
शीर्ष न्यायालय मोहम्मद हिशाम उस्मानी नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
औरंगाबाद संभागीय आयुक्त ने चार मार्च 2020 को लिखे एक पत्र में यह प्रस्ताव किया है कि शहर का नाम बदल कर छत्रपति संभाजी नगर किया जाएगा।
भाषा सुभाष मनीषा
मनीषा

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