बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की नयी आबकारी नीति को 'एक और घोटाले की पटकथा' बताया |

बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की नयी आबकारी नीति को ‘एक और घोटाले की पटकथा’ बताया

बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की नयी आबकारी नीति को 'एक और घोटाले की पटकथा' बताया

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Modified Date: May 17, 2025 / 07:29 PM IST
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Published Date: May 17, 2025 7:29 pm IST

रांची, 17 मई (भाषा) झारखंड सरकार की नयी आबकारी नीति को ‘‘एक और घोटाले की पटकथा’’ करार देते हुए प्रदेश भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को मांग की कि प्रति व्यक्ति शराब की केवल एक खुदरा दुकान आवंटित की जाए।

मरांडी ने दावा किया कि नयी आबकारी नीति राज्य में कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनायी गई है।

झारखंड कैबिनेट ने बृहस्पतिवार को नयी आबकारी नीति को मंजूरी देते हुए निजी कंपनियों को राज्य में शराब की खुदरा बिक्री की अनुमति दी।

इस नीति के तहत एक व्यक्ति एक जिले में अधिकतम 12 दुकानें और पूरे राज्य में 36 दुकानें खरीद सकता है, लेकिन इनका आवंटन लॉटरी प्रणाली के जरिए किया जाएगा।

मरांडी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हेमंत सोरेन सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान पेश की गई यह तीसरी आबकारी नीति है और यह घोटाले की एक और पटकथा प्रतीत होती है। किसी व्यक्ति या कंपनी को एक जिले में अधिकतम 12 दुकानें खोलने की अनुमति देने का प्रावधान बताता है कि यह नीति कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है।’’

उन्होंने कहा कि नीति का मॉडल बेरोजगार युवाओं, छोटे उद्यमियों या ग्रामीण समुदायों को लाभ नहीं पहुंचाएगा।

मरांडी ने कहा, ‘‘मैं मांग करता हूं कि सरकार शराब कारोबार में समान अवसर और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ‘प्रति व्यक्ति एक दुकान’ की नीति अपनाए। इससे स्थानीय रोजगार भी पैदा होगा, क्योंकि झारखंड में 1,453 खुदरा शराब की दुकानें हैं।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दुकानें केवल लाइसेंसशुदा व्यक्ति द्वारा ही संचालित की जाएं।

मरांडी ने आग्रह किया कि अनुसूचित क्षेत्रों में दुकानें केवल आदिवासियों को आवंटित की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दुकानें आवंटित करने में प्राथमिकता राज्य में हड़िया (चावल से बनी शराब) बेचने वाली महिलाओं को दी जानी चाहिए।

भाषा अमित सुभाष

सुभाष

 

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