ओबीसी का दर्जा तय करने के लिए पिछड़ापन ही एकमात्र मानदंड है, धर्म नहीं: ममता

ओबीसी का दर्जा तय करने के लिए पिछड़ापन ही एकमात्र मानदंड है, धर्म नहीं: ममता

ओबीसी का दर्जा तय करने के लिए पिछड़ापन ही एकमात्र मानदंड है, धर्म नहीं: ममता
Modified Date: June 10, 2025 / 01:56 pm IST
Published Date: June 10, 2025 1:56 pm IST

कोलकाता, 10 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य विधानसभा को बताया कि लोगों का अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा तय करने का एकमात्र मानदंड पिछड़ापन है।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर गलत सूचना का अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का निर्णय धर्म से नहीं लिया जाना चाहिए।

बनर्जी ने कहा कि राज्य में ओबीसी का दर्जा तय करने के लिए एकमात्र मानदंड पिछड़ापन है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गठित एक आयोग इस श्रेणी में शामिल करने के लिए 50 नए उपवर्गों पर सर्वेक्षण कर रहा है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी-ए श्रेणियों के तहत 49 उपवर्गों और ओबीसी-बी श्रेणियों के तहत 91 उपवर्गों को शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि अधिक पिछड़े वर्ग के लोगों को ओबीसी-ए के तहत शामिल किया गया है, जबकि कम पिछड़े लोग ओबीसी-बी के तहत आते हैं।

मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2024 और 2025 के लिए पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग की वार्षिक रिपोर्ट सदन के पटल पर रखने के बाद सदन को संबोधित किया।

बनर्जी ने कहा कि ओबीसी श्रेणी के तहत दर्ज करने का काम व्यापक क्षेत्र सर्वेक्षणों और ऐसे लोगों की पहचान के लिए नियुक्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया है।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश


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