बंगाल के शिक्षा मंत्री ने राज्यपाल पर विश्वविद्यालयों के कामकाज में संकट पैदा करने का आरोप लगाया |

बंगाल के शिक्षा मंत्री ने राज्यपाल पर विश्वविद्यालयों के कामकाज में संकट पैदा करने का आरोप लगाया

बंगाल के शिक्षा मंत्री ने राज्यपाल पर विश्वविद्यालयों के कामकाज में संकट पैदा करने का आरोप लगाया

:   Modified Date:  March 24, 2024 / 09:48 PM IST, Published Date : March 24, 2024/9:48 pm IST

कोलकाता, 24 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर उन राज्य विश्वविद्यालयों के कामकाज में अभूतपूर्व संकट पैदा करने का आरोप लगाया है जो पिछले नौ-दस महीनों से स्थायी कुलपतियों के बिना हैं।

बसु ने कहा कि आजादी के बाद से ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी गई।

मंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘ब्रिटिश भारत के गवर्नर-जनरल की तरह, बंगाल के राज्यपाल अब सरकार की अनदेखी करके हमारे राज्य विश्वविद्यालयों में एक समानांतर प्रणाली चलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपनी इच्छा के अनुसार अंतरिम कुलपति नियुक्त किए थे और उनके कार्यकाल की समाप्ति के बावजूद उन्हें अभी तक प्रतिस्थापित नहीं किया गया है।’’

राज्यपाल राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं।

मंत्री ने शनिवार शाम संवाददाताओं से कहा, ‘‘विश्वविद्यालयों के कामकाज में गतिरोध खत्म करने के लिए हाल ही में उन्हें हमारे द्वारा अंतरिम कुलपतियों की एक सूची दी गई थी, लेकिन उन्होंने अभी तक इस पर कार्रवाई नहीं की है।’’

बसु ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग कुलपतियों की नियुक्ति के मुद्दे पर राज्यपाल के साथ टकराव नहीं चाहता क्योंकि ‘ऐसी कोई भी स्थिति छात्रों के हित के लिए हानिकारक है और आगे शैक्षणिक गतिविधियों में बाधा उत्पन्न करेगी।”

बसु के आरोप पर राजभवन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। बसु पश्चिम बंगाल कॉलेज एवं विश्वविद्यालय प्रोफेसर एसोसिएशन (डब्ल्यूबीसीयूपीए) के अध्यक्ष भी हैं।

मंत्री ने मुख्यमंत्री को राज्य विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति नियुक्त करने के लिए पिछले साल विधानसभा द्वारा पारित विधेयक का भी जिक्र किया और दावा किया कि ‘यह संघीय ढांचे में संविधान के प्रारूप है।’

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल ने विधेयक को मंजूरी नहीं दी है। हम उनके व्यवहार से परेशान हैं।’’

बसु ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के 31 विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति पर गतिरोध खत्म करने के लिए शीर्ष अदालत के आदेश का इंतजार कर रही है।

भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को संघीय ढांचे के बारे में नहीं बोलना चाहिए, ‘क्योंकि राज्य में सत्तारूढ़ दल लगातार संविधान का उल्लंघन कर रहा है और लोकतंत्र की हत्या कर रहा है।’

भाषा सुरेश नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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