(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, 13 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल एक समय देश के पुनर्जागरण का पालना था लेकिन अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के ‘‘कुशासन’’ की वजह से पिछड़ रहा है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज्य में ‘‘जंगल राज’’ स्थापित करने को लेकर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि उन्हें देशभर में ‘‘लोकतंत्र के चैंपियन’’ के तौर पर व्यवहार करना बंद कर देना चाहिए।
यहां आयोजित पार्टी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल एक समय पूरे देश के लिए पुनर्जागरण का पालना था। यह बंगाल ही था जो पूरे देश को रास्ता दिखाता था लेकिन गत कुछ दशकों से बंगाल पिछड़ रहा है। वाम शासन के वर्षों के कुशासन के बाद तृणमूल का कुशासन आया। आज बंगाल महिलाओं के खिलाफ अपराध, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी में शीर्ष पर है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को आगे ले जा रहे हैं और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री राज्य को पीछे की ओर ले जा रही हैं। टीएमसी के कुशासन की वजह से राज्य सालों पीछे हो गया है।’’
नड्डा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में राज्य में ‘जंगलराज’ चल रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लोगों को बोलने नहीं दिया जा रहा है। बंगाल में लोकतंत्र नहीं है। यहां पूरी तरह से अराजकता है लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश में लोकतंत्र की बात कर रही हैं और ऐसा व्यवहार कर रही हैं जैसे ‘लोकतंत्र की चैम्पियन’ हों। उन्हें पहले अपने राज्य को देखना चाहिए, उनकी पार्टी के राज में पूरे राज्य में अराजकता और जंगल राज हावी है।’’
नड्डा ने कहा, ‘‘हम क्षेत्रीय पार्टियों से लड़ रहे हैं जो वंशवादी बन गई हैं। इन पार्टियों का न तो कोई सिद्धांत है और न ही नीति।’’
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के बारे में कहा कि यह ‘पीसी-भाइपो’ (बुआ-भतीजा) की पार्टी है।
नड्डा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भाजपा वंशवादी राजनीति का पालना है।
तृणमूल कांग्रेस ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘‘जेपी नड्डा विपक्षी पार्टियों के खिलाफ वंशवाद की राजनीति का मुद्दा उठा रहे हैं। भाजपा पाखंड कर रही है, वह खुद अपने घर में वंशवादी नेताओं की फसल का पोषण कर रही है।’’
पार्टी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में 15 मंत्री हैं जो या तो वंशवाद की राजनीति के उत्पाद हैं या जो खुद वंशवाद तैयार कर रहे हैं। भाजपा के 395 सांसदों (लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर) में से 12 प्रतिशत वंशवादी हैं।’’
भाषा धीरज शफीक
शफीक