केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में बड़ा फैसला, किसानों की आमदनी बढ़ाने खर्च होंगे 11 हजार करोड़, आम आदमी को भी सीधा फायदा | Big decision in the Union Cabinet meeting,

केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में बड़ा फैसला, किसानों की आमदनी बढ़ाने खर्च होंगे 11 हजार करोड़, आम आदमी को भी सीधा फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट और सीसीईए की अहम बैठक में पाम ऑयल मिशन को मंजूरी गई है। इस पर 11 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पाम की खेती बड़े स्तर पर करने की तैयारी है।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : August 18, 2021/7:07 pm IST

नईदिल्ली। Modi cabinet meeting : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट और सीसीईए की अहम बैठक में पाम ऑयल मिशन को मंजूरी गई है। इस पर 11 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पाम की खेती बड़े स्तर पर करने की तैयारी है। अब सरकार नेशनल एडिबल ऑयल मिशन शुरू कर रही है, उन्होंने बताया कि खाने के तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से छोटे किसानों के लिए ये ज्यादा फायदेमंद नहीं था, वहीं, नॉर्थ ईस्ट में प्रोसेसिंग इंडस्ट्री नहीं है।

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Modi cabinet meeting ; केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पाम ऑयल मिशन का मुख्य उद्देश्‍य किसानों को ताजे फलों के गुच्छों के लिए सुनिश्चित व्यवहारिक मूल्य प्रदान करना है। अगले 5 वर्षों में 11,040 करोड़ की कुल लागत वाले मिशन उत्तर-पूर्वी राज्यों में 3.28 लाख हेक्टेयर और शेष भारत में 3.22 के साथ पाम ऑयल रोपण के अंतर्गत 6.5 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को शामिल किया जाएगा।

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रबी सीजन के वक्त हमने अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों को लोगों के बीच वितरित किया, जिससे उत्पादन और रकबे में बढ़ोतरी हुई, लेकिन अभी भी हमें अपनी आपूर्ति के लिए तेल आयात करना पड़ता है, इसमें बड़ा हिस्सा पाम ऑयल का है, कुल तेल आयात का 56 प्रतिशत पाम ऑयल है। 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पाम की खेती की जा सकती है, इसमें से एक बड़ा हिस्सा पूर्वोत्तर में है।

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छोटे किसान के लिए पाम की खेती मुश्किल है क्योंकि फसल लगाने के 5 और पूरी तरह से 7 साल बाद पैदावार मिलती है, इसके अलावा दाम के उतार चढ़ाव के कारण भी छोटे किसानों के लिए पाम की खेती चुनौतीपूर्ण है, पूर्वोत्तर भारत में लॉजिस्टिक से लेकर तमाम समस्याएं हैं, वहां उत्पादन भी अगर होगा तो इंडस्ट्री नहीं है, इसी को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने ऑयल पाम मिशन की शुरुआत की और तमाम समस्याओं के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाए गए।

 
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