Big Naxalite Leader Encounter: नक्सलियों का एक और टॉप लीडर ढेर.. एनकाउंटर में मारा गया दुर्दांत माओवादी सहदेव, ZCM सदस्य चंचल का भी खात्मा..

गौरतलब है कि, पिछले दो सालो से छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों में नक्सलियों पर पुलिस और सुरक्षबलों का दबाव बढ़ा है। आंकड़े बताते हैं कि 2004 से 2014 के बीच नक्सली घटनाओं के मुक़ाबले 2014 से 2024 , यानि मोदी सरकार के कार्यकाल में 50 से 70 फ़ीसदी तक की कमी हुई है।

Big Naxalite Leader Encounter: नक्सलियों का एक और टॉप लीडर ढेर.. एनकाउंटर में मारा गया दुर्दांत माओवादी सहदेव, ZCM सदस्य चंचल का भी खात्मा..

Big Naxalite Leader Encounter || Image- IBC24 News File

Modified Date: September 15, 2025 / 09:05 am IST
Published Date: September 15, 2025 9:05 am IST
HIGHLIGHTS
  • हजारीबाग में टॉप नक्सली सहदेव ढेर
  • कोबरा 209 ने तीन माओवादी मार गिराए
  • चंचल पर था 25 लाख का इनाम

Big Naxalite Leader Encounter: हजारीबाग: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ मिल रही बड़ी कामयाबी के बीच पड़ोसी राज्य झारखण्ड में भी सुरक्षाबलों ने माओवादियों के खिलाफ बड़ी और असरदार कार्रवाई की है। झारखण्ड के हजारीबाग में मुठभेड़ में कोबरा 209 बटालियन के जवानों ने माओवादियों के टॉप लीडर और केंद्रीय कमेटी के नेता सहदेव को मार गिराया है। इस एनकाउंटर में तीन बड़े नक्सलियों की मौत हुई है, इनमें 25 लाख का इनामी चंचल भी शामिल है। सभी नक्सलियों पर अलग-अलग राज्यों में करोड़ो रुपए का इनाम घोषित था। झारखण्ड में हुए बड़े माओवादी हमलों में इन नक्सलियों की भूमिका रही है।

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पुलिस ने बताया है कि, सीसी मेंबर सहदेव पर एक करोड़ रुपये जबकि जोनल कमेटी सदस्य चंचल पर 25 लाख रुपये का इनाम था। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल का जायजा लिया गया जिसमें तीन AK-47 ऑटोमैटिक हथियार भी जवानों ने किया रिकवर किया है।

चार दिनों में तीसरा बड़ा झटका

गौरतलब है कि, गुरुवार को छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में हुए मुठभेड़ में सीआरपीएफ और डीआरजे के जवानों ने 10 माओवादियों को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में सीसी सदस्य मनोज उर्फ़ बालकृष्ण मॉडेम भी मारा गया था। मनोज पर एक करोड़ रुपये का इनाम था। वह कई बड़े मामलों में वांछित था। रायपुर आईजी ने बताया था कि, गरियाबंद के मैनपुर के जंगलों में माओवादी मनोज की संभावित मौजूदगी की सूचना के बाद ऑपरेशन लांच किया गया था। इस मुठभेड़ के बाद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों को इस कामयाबी पर बधाई दी थी। उन्होंने नक्सलियों से अपील करते हुए कहा था कि, बचे खुचे माओवादी आत्मसमर्पण कर दें। सोशल मीडिया पर उन्होंने मार्च 2026 तक देशभर से नक्सलवाद को ख़त्म करने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी।

सुजाता ने भी डाले हथियार

मनोज के मारे के जाने के बाद नक्सलियों को शनिवार को तब एक और बड़ा झटका लगा था जब केंद्रीय कमेटी के महिला नक्सली और पूर्व नक्सली किशन जी की पत्नी सुजाता ने तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस मामले में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, “सेंट्रल कमेटी की सदस्य सुजाता के आत्मसमर्पण के बाद, छत्तीसगढ़ में सक्रिय माओवादियों की सेंट्रल कमेटी में अब कुछ ही सदस्य बचे हैं। कुल मिला कर इनका शीर्ष नेतृत्व समापन की ओर है।”

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ख़त्म होने के कगार पर माओवाद!

गौरतलब है कि, पिछले दो सालो से छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों में नक्सलियों पर पुलिस और सुरक्षबलों का दबाव बढ़ा है। आंकड़े बताते हैं कि 2004 से 2014 के बीच नक्सली घटनाओं के मुक़ाबले 2014 से 2024 , यानि मोदी सरकार के कार्यकाल में 50 से 70 फ़ीसदी तक की कमी हुई है। मसलन , 2004 से 2014 तक जहां नक्सली हिंसा की 16463 घटनाएं घटी वहीं मोदी के कार्यकाल में ये घटकर 7714 हो गई , यानि 53 फ़ीसदी की कमी। इसी तरह, यूपीए के दस सालों में जहां सुरक्षा बलों के 1851 जवान और 4766 आम नागरिकों की मौत हुई वहीं 2014 के बाद से अबतक 509 जवान और 1495 नागरिक मारे गए हैं, यानि क्रमशः 73 फीसदी और 70 फ़ीसदी की कमी।सूत्रों की मानें तो कभी 42 सदस्यों वाली सीपीआई माओवादी की सेंट्रल कमेटी में, अब केवल 13 सदस्य बचे हैं।


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