Supreme Court on Waqf Law: वक्फ कानून की वैधता पर SC आज सुनाएगा आदेश, 4 महीने पहले 22 मई को फैसला रखा था सुरक्षित

देश का सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट आज यानी कि सोमवार को वक्फ कानून की वैधता पर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने 4 महीने पहले 22 मई को फैसला अपना फैसला सुरक्षित रखा था। 

Supreme Court on Waqf Law: वक्फ कानून की वैधता पर SC आज सुनाएगा आदेश, 4 महीने पहले 22 मई को फैसला रखा था सुरक्षित

Supreme Court Hearing on Waqf Law/ image source: IBC24

Modified Date: September 15, 2025 / 07:48 am IST
Published Date: September 15, 2025 7:44 am IST
HIGHLIGHTS
  • वक्फ कानून की वैधता पर SC आज सुनाएगा आदेश
  • 4 महीने पहले 22 मई को फैसला रखा था सुरक्षित
  • याचिकाकर्ताओं ने मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताया कानून

Supreme Court on Waqf Law: वक्फ (संशोधन) कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार यानी आज अपना अंतरिम आदेश सुनाएगा। इससे पहले 22 मई को लगातार तीन दिन की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने पास फैसला सुरक्षित रखा था।

कोर्ट ने सुनी दोनों पक्षों की बातें

पिछली सुनवाई में सरकार ने कानून के पक्ष में दलीलें रखी थी, वहीं दूसरी ओर याचिकाकर्ताओं ने वक्फ कानून को मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताया था। बहस सरकार की उस दलील को लेकर हो रही थी, जिसमें कहा गया था कि वक्फ एक इस्लामी अवधारणा है, लेकिन यह धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। इसलिए यह मौलिक अधिकार नहीं है। वक्फ को इस्लाम से अलग एक परोपकारी दान के रूप में देखा जाए या इसे धर्म का अभिन्न हिस्सा माना जाए। इस पर याचिकाकर्ताओं के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था, ‘ परलोक के लिए…. वक्फ ईश्वर को समर्पण है। अन्य धर्मों के विपरीत, वक्फ ईश्वर के लिए दान है।’

Supreme Court on Waqf Law: याचिकाकर्ताओं ने कानून को मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताया था। इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं ने कानून पर अंतरिम रोक की भी मांग रखी थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनकर 3 प्रमुख बिंदुओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई 15 सितंबर की वाद सूची के मुताबिक, अदालत इस मामले में आज अपना आदेश सुनाएगी।

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ये है कोर्ट के 3 प्रमुख बिंदू 

पहला बिंदू: सर्वोच्च न्यायालय इस सवाल पर विचार करेगा कि क्या उन संपत्तियों को, जिन्हें किसी कोर्ट ने उपयोग या औपचारिक दस्तावेज के आधार पर पहले ही वक्फ घोषित कर दिया है, उन्हें मामले की अंतिम सुनवाई तक डी-नोटिफाई किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट करेगा कि क्या अंतिम फैसले से पहले ऐसी कार्रवाई की जा सकती है य नहीं।

दूसरा बिंदू: संशोधित प्रावधानों के तहत,अगर कलेक्टर यह जांच कर रहा है कि कोई संपत्ति वक्फ है या सरकारी जमीन, तो जांच लंबित रहने तक संपत्ति को वक्फ भूमि के रूप में नहीं माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक यह प्रावधान लागू रहना चाहिए या नहीं।

तीसरा बिंदू: वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना से संबंधित है। कोर्ट ने सवाल उठाया था कि क्या कानून केवल मुस्लिम सदस्यों को इन निकायों में नियुक्त करने की अनुमति देता है, सिवाय पूर्व-पदेन पदों के, और क्या ऐसी पाबंदियां संवैधानिक अधिकारों और सिद्धांतों के संदर्भ में कानूनी रूप से टिकाऊ हैं।

सांसद से पारित हुआ था बिल

Supreme Court on Waqf Law: बता दें कि केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को पांच अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद नोटीफाइ किया था। लोकसभा में इस विधेयक को 3 अप्रैल को 288 सदस्यों के समर्थन से पारित कर दिया, जबकि 232 सांसदों ने इसका विरोध किया। राज्यसभा ने चार अप्रैल को इस विधेयक को पारित किया। राज्यसभा में इसके पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 सदस्योने मतदान किया था। वक्फ कानून को पारित करने के पहले इसका ड्राफ्ट सरकार ने जेपीसी के पास भेजा था। जेपीसी में टीडीपी, जेडीयू और लोजपा रामविलास के सुझावों को भी नए बिल में शामिल किया गया था, जिसके बाद नया बिल संसद से पारित हुआ था।


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लेखक के बारे में

पत्रकारिता और क्रिएटिव राइटिंग में स्नातक हूँ। मीडिया क्षेत्र में 3 वर्षों का विविध अनुभव प्राप्त है, जहां मैंने अलग-अलग मीडिया हाउस में एंकरिंग, वॉइस ओवर और कंटेन्ट राइटिंग जैसे कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिया। IBC24 में मैं अभी Trainee-Digital Marketing के रूप में कार्यरत हूँ।