Ajmer Dargah Case: ‘इंशाअल्लाह किसी की मुराद पूरी नहीं होगी’, अंजुमन कमेटी के सरवर चिश्ती का बड़ा बयान, कही ये बड़ी बात

Ajmer Dargah Temple Case: 'इंशाअल्लाह किसी की मुराद पूरी नहीं होगी', अंजुमन कमेटी के सरवर चिश्ती का बड़ा बयान, कही ये बड़ी बात

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  • Publish Date - November 29, 2024 / 11:42 AM IST,
    Updated On - November 29, 2024 / 02:53 PM IST

Ajmer Dargah Case | Phot Credit: Instagram

जयपुर: Ajmer Dargah Case: अजमेर जिले में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के स्वीकार होने पर अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इंशाल्लाह किसी की मुरादें पूरी नहीं होगी, ये गरीब नवाज की दरगाह थी, है और रहेगी।

क्या बोले सरवर चिश्ती?

Ajmer Dargah Case बताते चलें कि अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के मामले पर निचली कोर्ट के आए फैसले पर अजमेर दरगाह अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि संभल मामले पर भी ऐसा ही हुआ था। सुबह याचिका लगाई गई, दोपहर को फैसला आ गया और शाम को कमिश्नर-डीएम और प्रशासनिक अमले को लेकर सर्वे करने भी चला गया। रिपोर्ट भी तैयार कर ली गई और उसके दो दिन बाद क्या हुआ सबने देखा।
अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि कभी मथुरा तो कभी काशी, बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर हमने कड़वा घुट पी लिया था। यह सोचकर की आगे से ऐसा फिर नहीं होगा। 22 जून को भी मोहन भागवत जी ने कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग तलाश नहीं होनी चाहिए।

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दरगाह भाइचारे का केन्द्र- सरवर चिश्ती

उन्होंने कहा कि जब प्लेसेज़ आफ वरशिप एक्ट के तहत बाबरी मस्जिद के अलावा बाकी सभी धार्मिक स्थलों के स्टेटस आजादी से पहले जैसे ही रखने की बात थी तो इसे क्यों छेड़ा गया। जहां तक ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की बात है। यह सांप्रदायिक एकता और भाईचारे के साथ अनेकता में एकता का केंद्र रहा है। अफगानिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक यह एक बड़ा आस्था का केंद्र भी है।

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सरवर चिश्ती ने कहा कि अदालत में तीन लोगों को नोटिस जारी किया है। हमने यहां पर बड़े-बड़े दौर देखे हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ। 11 अक्टूबर 2007 को दरगाह के पास बम ब्लास्ट हुआ, जिसमें हमारे भी लोग मारे गए थे। इससे भी उनका दिल नहीं भरा तो पिछले तीन साल से दरगाह को लेकर यह शख्स इसी तरह की बयानबाजी कर रहा है। सदियों पुराने मस्जिदों में इनको शिवलिंग नजर आता है, लेकिन यह चीज देश हित में नहीं है। इंशाल्लाह किसी की मुरादें पूरी नहीं होगी, ये गरीब नवाज की दरगाह थी, है और रहेगी।

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