पेड़ काटने से बिखरे पक्षियों के घोषले और अंडे, दो दिनों तक टूटे अंडो के पास बैठे रहे पक्षी, पेड़ काटने वालों पर दर्ज हुई FIR

पेड़ काटने से बिखरे पक्षियों के घोषले और अंडे, दो दिनों तक टूटे अंडो के पास बैठे रहे पक्षी, पेड़ काटने वालों पर दर्ज हुई FIR

पेड़ काटने से बिखरे पक्षियों के घोषले और अंडे, दो दिनों तक टूटे अंडो के पास बैठे रहे पक्षी, पेड़ काटने वालों पर दर्ज हुई FIR
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 pm IST
Published Date: October 6, 2019 6:52 am IST

नईदिल्ली। किसी का आशियाना उजड़ना बहुत तकलीफ दायक होता है लेकिन जब इस आशियाने के साथ ही बच्चों की जिंदगी ही खत्म हो जाए तो फिर दिलों में क्या गुजरती है यह बात एक वन्य प्राणी भी समझता है, लेकिन शायद हर इंसान को यह बात अभी तक समझ में नही आयी। तभी तो वह किसी का आशियाना उजाड़ने के पहले कुछ सोचता ही नही। बात केरल में पलक्कड़ रेलवे स्टेशन परिसर की है जहां गुलमोहर के एक पेड़ को काटकर सैकड़ों प्रवासी पक्षियों का आशियाना उजाड़ दिया गया। इस दौरान उनके घोषलों के साथ ही उनके अंडे भी टूट कर बिखर गए।

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पेड़ काटना कोई नई बात नही है, नई बात तो यह है कि घोसले और अंडों के विखर जाने के बाद पक्षी दो दिनों तक बिखरे अंडों के पास बैठे रहे। अब इस मामले में पेड़ काटने के आरोप में रेलवे के अधिकारियों और ठेकेदार के ऊपर मामला दर्ज कराया गया है। 1 अक्टूबर को पलक्कड़ रेलवे स्टेशन परिसर पर लगे गुलमोहर के पेड़ को काट दिया गया था। ये पेड़ काफी पुराना था। पेड़ काटे जाने से इसमें बने सौ से ज्यादा घोषले  टूट गए और उनमें मैजूद अंडे टूटकर जमीन पर बिखर गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पेड़ कटने के बाद प्रवासी पक्षी दो दिन तक वहीं बैठे रहे।

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रेलवे परिसर में काटे गए पेड़ की खबर जब पर्यावरण कार्यकर्ता बोबन मट्टूमंथा को मिली तो उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे वालयाल रेंज के वन अधिकारियों ने रेलवे स्टेशन के अधिकारियों और पेड़ काटने वाले ठेकेदार पर मामला दर्ज कराया है। बोबन मट्टूमंथा ने बताया पेड़ काटने से पहले वन विभाग से अनुमति लेनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

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खबर मिलने के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों को अंडे के पास बैठे पक्षियों का वीडियो दिखाया गया। वन विभाग ने कई पक्षियों को घोंसलों से निकालकर दूसरी जगह पहुंचाया। नियम यह है कि, पक्षियों के प्रजनन काल के दौरान किसी भी पेड़ को काटने से पहले वन विभाग की टीम को सूचना देनी होती है। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम उस जगह पहुंचती है और पेड़ का निरिक्षण करती है। जांच में देखा जाता है कि पेड़ पर मौजूद घोंसले में कोई अंडा तो नहीं है। इसके बाद अनु​मति दी जाती है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com