भाजपा नेता, आरडब्ल्यूए ने आवारा कुत्तों को आश्रय स्थल भेजे जाने की मांग की

भाजपा नेता, आरडब्ल्यूए ने आवारा कुत्तों को आश्रय स्थल भेजे जाने की मांग की

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  • Publish Date - August 30, 2025 / 03:13 PM IST,
    Updated On - August 30, 2025 / 03:13 PM IST

(तस्वीर के साथ जारी)

नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजय गोयल ने कई ‘रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन’ (आरडब्ल्यूए) के साथ मिलकर शनिवार को यहां राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के पास प्रदर्शन कर आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में भेजे जाने और कुत्तों द्वारा काटे गए लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिए जाने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों ने ‘‘कुत्तों को सड़कों पर खाना खिलाना बंद करो’’ और ‘‘भारत को रेबीज मुक्त बनाओ’’ जैसे संदेश लिखी तख्तियां थाम रखी थीं। उन्होंने ‘‘आवारा कुत्तों से देश बचाओ’’ जैसे नारे लगाए और सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाए जाने की मांग की।

गोयल ने कहा कि शहर में कुत्तों के काटने की घटनाओं में कथित वृद्धि के कारण दक्षिण और नयी दिल्ली के आरडब्ल्यूए प्रदर्शन में शामिल हुए।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कुत्तों को छोड़ने का आदेश दिया है लेकिन कुत्तों के काटने के हर दिन लगभग 2,000 मामले सामने आते हैं। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा – अदालत, कुत्तों को खाना खिलाने वाले एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) या सरकार?’’

उन्होंने कहा कि कई देशों में आवारा कुत्तों की समस्या नहीं है क्योंकि वे आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखते हैं।

पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘हम सभी पशु प्रेमी हैं लेकिन मानव जीवन की कीमत पर नहीं।’’

उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को कुत्तों द्वारा काटे गए पीड़ितों को मुआवजा देने पर विचार करना चाहिए।

गोयल ने कहा कि लगभग 6,000 आरडब्ल्यूए इस मांग का समर्थन करती हैं लेकिन वे मुखर नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग स्वयं को कुत्तों से प्यार करने वाला बताते हैं और उन्हें आश्रय स्थलों में रखने का विरोध करते हैं, उन्हें इन आवारा कुत्तों को गोद ले लेना चाहिए।’’

गोयल ने उच्चतम न्यायालय से अपने आदेश पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम आवारा कुत्तों को मारने की मांग नहीं कर रहे। हम बस इतना अनुरोध करते हैं कि उन्हें उचित देखभाल के साथ आश्रय स्थलों में रखा जाए।’’

न्यायालय ने 11 अगस्त को दिल्ली सरकार और नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में सभी आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़ें और उन्हें निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में भेजें।

शीर्ष अदालत की तीन सदस्यों की पीठ ने 22 अगस्त को इस आदेश में संशोधन किया था और कहा था कि पकड़े गए आवारा कुत्तों को बंध्याकरण एवं टीकारण के बाद वापस उन्हीं क्षेत्रों में छोड़ दिया जाए, जहां से उन्हें पकड़ा गया था।

भाषा सिम्मी नेत्रपाल

नेत्रपाल