छात्रवृत्ति, धान खरीद को लेकर भाजपा विधायकों का झारखंड विधानसभा में हंगामा

छात्रवृत्ति, धान खरीद को लेकर भाजपा विधायकों का झारखंड विधानसभा में हंगामा

छात्रवृत्ति, धान खरीद को लेकर भाजपा विधायकों का झारखंड विधानसभा में हंगामा
Modified Date: December 8, 2025 / 07:09 pm IST
Published Date: December 8, 2025 7:09 pm IST

रांची, आठ दिसंबर (भाषा) झारखंड विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने राज्य में छात्रों को कथित तौर पर छात्रवृत्ति नहीं मिलने और धान खरीद शुरू नहीं होने को लेकर सोमवार को हंगामा किया।

जवाब में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत राज्य सरकार ने दावा किया कि केंद्र पिछड़े वर्गों के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए पर्याप्त धनराशि जारी नहीं कर रहा है।

पूर्वाह्न करीब 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने छात्रवृत्ति और धान खरीद का मुद्दा उठाया।

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विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने भाजपा विधायकों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया, लेकिन वे आसन के समक्ष आ गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है और धान की खरीद भी अभी तक शुरू नहीं हुई है।

कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने आरोप लगाया कि छात्रवृत्ति के लिए धनराशि केंद्र के पास लंबित है।

झारखंड में कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।

यादव ने दावा किया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा कम कर दिया गया और छात्रवृत्ति राशि भी घटा दी गई।

हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देगी, लेकिन हंगामा जारी रहा।

विधानसभा अध्यक्ष महतो ने भाजपा विधायकों से लगातार अपनी सीटों की ओर लौटने की अपील की, जिसे उन्होंने अनसुना कर दिया। इसके बाद महतो ने सदन की कार्यवाही महज आठ मिनट चलने के बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो भाजपा विधायकों ने एक बार फिर मांग की कि महतो छात्रवृत्ति और धान खरीद के मुद्दों पर चर्चा की अनुमति दें।

झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ये मुद्दे छात्रों, युवाओं और किसानों से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा, “यह शून्यकाल की कार्यवाही से भी ज्यादा अहम है, क्योंकि सदस्यों को शून्यकाल में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं मिलते। अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्र छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण अपनी फीस भरने के लिए होटलों में थालियां धोने को मजबूर हैं।”

धान खरीद का मुद्दा उठाते हुए मरांडी ने कहा, “किसान खुले बाजार में 1,500 रुपये और 1,600 रुपये प्रति क्विंटल की मामूली कीमत पर अपनी उपज बेच रहे हैं, क्योंकि सरकारी खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई है।”

इसके बाद भाजपा विधायक आसन के करीब आ गए और राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे।

विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भाजपा विधायक अपनी सीटों पर वापस नहीं गए।

महतो ने विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच शून्यकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की कार्यवाही संचालित की।

भाजपा की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने आरोप लगाया कि उन्हें छात्रवृत्ति मद में केंद्र से धनराशि नहीं मिल रही है।

उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा, “पिछड़ा वर्ग पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 2023-24 में केंद्र से हमारी मांग 271.37 करोड़ रुपये थी, लेकिन हमें 77.31 करोड़ रुपये मिले। 2024-25 में इसी मद में राज्य की मांग 253.21 करोड़ रुपये थी, लेकिन हमें केवल 33.57 करोड़ रुपये दिए गए। 2025-26 में हमारी मांग 370.87 करोड़ रुपये थी, लेकिन हमें अब तक एक रुपया भी नहीं मिला है।”

कुमार ने कहा कि जहां तक ​​पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति का सवाल है, सरकार ने 2023-24 में 67.88 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन केंद्र ने केवल 3.75 करोड़ रुपये आवंटित किए।

उन्होंने बताया, “2024-25 में हमने इस मद में 66.14 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन हमें केवल 12.61 करोड़ रुपये मिले। भाजपा नेताओं को मगरमच्छ के आंसू नहीं बहाने चाहिए, बल्कि केंद्र से पूछना चाहिए कि ओबीसी छात्रों का हक क्यों छीना गया?”

कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सदन के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए धनराशि का अनुपात 60:40 है। 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र देता है, जबकि 40 फीसदी राज्य द्वारा वहन किया जाता है।”

हालांकि, सरकार ने धान खरीद के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा।

सदन में भाजपा विधायकों का हंगामा जारी रहने के बीच वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 7,721.25 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। बजट प्रस्तावों पर मंगलवार को चर्चा होगी।

भाषा पारुल नरेश

नरेश


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