नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 30 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में आयकर विभाग के एक पूर्व सहायक आयुक्त को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि उन्होंने (पूर्व सहायक आयुक्त) कथित तौर पर पिछले साल गुजरात के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) के एक ‘ट्रैप ऑपरेशन’ से बचने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारी की मदद की थी और सबूत मिटाने के लिए अपने दो मोबाइल फोन नदी में फेंक दिए थे।
जांच एजेंसी ने अत्याधुनिक सोनार प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए महत्वपूर्ण सबूत बरामद करने के लिए एक अभियान चलाया। सबूतों में दो मोबाइल फोन शामिल थे, जिसे आयकर विभाग के पूर्व सहायक आयुक्त विवेक जौहरी ने साबरमती नदी में फेंक दिया था।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि डाइविंग उपकरणों से लैस गोताखोरों और अन्य विशेषज्ञ एजेंसियों और अत्याधुनिक सोनार प्रौद्योगिकी के साथ दूर से संचालित वाहन को मोबाइल को बरामद करने के लिए लगाया गया था।
उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में पदस्थापित जौहरी को पिछले साल 12 अक्टूबर को 30 लाख रुपये की रिश्वतखोरी से संबंधित मामले में गुजरात सरकार के संदर्भ पर दर्ज एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया।
प्रवक्ता ने बताया, “आरोप लगाया गया कि आयकर के तत्कालीन सहायक आयुक्त ने चार अक्टूबर, 2022 को गुजरात एसीबी द्वारा बिछाई गई ‘ट्रैप’ कार्यवाही के दौरान हंगामा करके अतिरिक्त आयुक्त (संतोष करनानी) को उनके कार्यालय से भागने में मदद की थी।”
अधिकारियों ने बताया कि यह भी आरोप है कि अहमदाबाद के तत्कालीन अतिरिक्त आयकर आयुक्त (सेंट्रल रेंज-एक), अहमदाबाद करनानी ने राज्य एसीबी की पकड़ से बचने से पहले जौहरी को दो मोबाइल फोन सौंपे थे।
जौहरी ने कथित तौर पर करनानी के निर्देश पर मोबाइल फोन को साबरमती नदी में फेंक दिये थे।
भाषा जितेंद्र जितेंद्र दिलीप
दिलीप
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