राजनीति में खरीद-फरोख्त कोई नई बात नहीं, कांग्रेस की गलतियों को दोहरा रही भाजपा : उमर अब्दुल्ला

राजनीति में खरीद-फरोख्त कोई नई बात नहीं, कांग्रेस की गलतियों को दोहरा रही भाजपा : उमर अब्दुल्ला

  •  
  • Publish Date - June 23, 2022 / 07:39 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:08 PM IST

श्रीनगर, 23 जून (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय राजनीति में खरीद-फरोख्त कोई नई बात नहीं है और केंद्र में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस द्वारा की गईं गलतियों को भाजपा दोहरा रही है।

उमर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह कोई नई बात नहीं है। राजभवन का दुरुपयोग, दल-बदल, विधायकों की खरीद-फरोख्त। क्या हम 1984 में इसके शिकार नहीं थे? कांग्रेस द्वारा की गईं गलतियों को भाजपा दोहरा रही है। यह वर्षों से चल रहा है।’’

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शिवसेना में बगावत से संबंधित एक सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।

शिवसेना में हुई बगावत से महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार संकट में आ गई है।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मैं तय करने वाला कौन होता हूं? शिवसेना बता सकती है कि जो हो रहा है वह सही है या गलत। अगर 35 विधायक पार्टी छोड़ने को तैयार हैं, तो शिवसेना को सोचना होगा कि ऐसा क्यों हुआ और क्या इसका कोई उपाय है या नहीं।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने इन बातों को भी खारिज किया कि केंद्र की अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना का विरोध प्रायोजित था।

उन्होंने कहा, ‘‘इतने बड़े विरोध प्रदर्शन प्रायोजित नहीं हो सकते। हो सकता है कि कुछ लोगों द्वारा लाभ लेने का प्रयास किया गया हो लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर वे थे जिन्होंने महसूस किया कि इस योजना का लाभ नहीं है उन्हें और इसके विपरीत यह उनके लिए हानिकारक है।’’

उमर ने कहा कि विरोध मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में हुआ जहां से सशस्त्र बलों में अधिक लोग भर्ती होते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप देखें, तो मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन हुए जहां सेना की भर्ती अधिक रही है। वे (युवा) इस योजना से खुश नहीं हैं और उन्हें लगता है कि उनका भविष्य खतरे में पड़ गया है। वे इस योजना में बदलाव चाहते हैं।’’

स्थानीय राजनीति पर उमर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को एक ऐसी सरकार चुनने का मौका दिया जाना चाहिए जो उनकी बात सुन सके।

उन्होंने कहा, ‘‘एक एलजी (उपराज्यपाल) और उसके तीन सलाहकार कितने लोगों को सुन सकते हैं?’’

गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के आलोचकों पर निशाना साधते हुए उमर ने कहा कि यह असामान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि फैसला लोगों पर छोड़ दिया जाना चाहिए।

भाषा नेत्रपाल उमा

उमा