जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल), 13 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से जुड़ा हुआ है, इसलिए वह इसका विरोध कर रही हैं।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि वह असम जैसे हिरासत केंद्र (डिटेंशन कैंप) पश्चिम बंगाल में नहीं चाहती हैं।
उन्होंने कहा ‘सीएए का संबंध एनआरसी से है इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं।’
बनर्जी ने यह भी दावा किया कि सीएए लोकसभा चुनाव से पहले एक राजनीतिक चाल है।
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने की अनुमति देता है।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवारों के चयन के खिलाफ अपने भाई बाबुन बनर्जी के बयान के बाद ममता बनर्जी ने उनके साथ सभी संबंध खत्म करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘मैं और मेरा परिवार उनके (बाबुन बनर्जी) साथ सभी रिश्तों को खत्म करते हैं। मुझे लालची लोग पसंद नहीं हैं। मैंने सुना है कि उन्होंने क्या कहा है।’’
बनर्जी ने कहा ‘वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क में हैं और वह जो चाहें, कर सकते हैं। कृपया, मुझे उनके साथ नहीं जोड़ें।’
भाषा योगेश अविनाश
अविनाश
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